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Hindi News भारत राजनीति नेहरू और एडविना के संबंधों के बारे में माउंटबेटन की बेटी ने कही यह बात

नेहरू और एडविना के संबंधों के बारे में माउंटबेटन की बेटी ने कही यह बात

भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड लूईस माउंटबेटन की पुत्री ने कहा है कि जवाहरलाल नेहरू और एडविना माउंटबेटन एक-दूसरे से प्रेम करते थे और सम्मान करते थे, लेकिन उनका संबंध कभी जिस्मानी नहीं रहा क्योंकि वे कभी अकेले नहीं मिले।

Jawaharlal Nehru and Edwina Mountbatten | AP Photo- India TV Hindi Jawaharlal Nehru and Edwina Mountbatten | AP Photo

नई दिल्ली: भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड लूईस माउंटबेटन की पुत्री ने कहा है कि जवाहरलाल नेहरू और एडविना माउंटबेटन एक-दूसरे से प्रेम करते थे और सम्मान करते थे, लेकिन उनका संबंध कभी जिस्मानी नहीं रहा क्योंकि वे कभी अकेले नहीं मिले। माउंटबेटन जब भारत के अंतिम वायसराय नियुक्त होकर आए थे, उस वक्त पामेला हिक्स नी माउंटबेटन की उम्र करीब 17 साल थी। उन्होंने अपनी मां एडविना एश्ले और नेहरू के बीच गहरे संबंध विकसित होते हुए देखा।

पामेला का कहना है, ‘उन्हें पंडितजी में वह साथी, आत्मिक समानता और बुद्धिमत्ता मिली, जिसे वह हमेशा से चाहती थीं।’ पामेला इस संबंध के बारे में और जानने को इच्छुक थीं, लेकिन अपनी मां को लिखे नेहरू के पत्र पढ़ने के बाद पामेला को एहसास हुआ कि वह और मेरी मां किस कदर एक-दूसरे से प्रेम करते थे और सम्मान करते थे। ‘डॉटर ऑफ एंपायर: लाइफ ऐज ए माउंटबेटन’ पुस्तक में पामेला लिखती हैं, ‘इस तथ्य से बिलकुल परे कि मेरी मां या पंडितजी के पास यौन संबंधों के लिए समय नहीं था, दोनों बिरले ही अकेले होते थे। उनके आसपास हमेशा कर्मचारी, पुलिस और अन्य लोग मौजूद होते थे।’ ब्रिटेन में पहली बार 2012 में प्रकाशित इस पुस्तक को हशेत पेपरबैक की शक्ल में भारत लेकर आया है।

जब एडविना ने दी अपनी कीमती अंगूठी
लॉर्ड माउंटबेटन के ADC फ्रेडी बर्नबाई एत्किन्स ने बाद में पामेला को बताया था कि नेहरू और उनकी मां का जीवन इतना सार्वजनिक था कि दोनों के लिए यौन संबंध रखना संभव ही नहीं था। पामेला यह भी लिखती हैं कि भारत से जाते हुए एडविना अपनी पन्ने की अंगूठी नेहरू को भेंट करना चाहती थीं। किताब के अनुसार, ‘लेकिन उन्हें पता था कि वह स्वीकार नहीं करेंगे। इसलिए उन्होंने अंगूठी उनकी बेटी इंदिरा को दी और कहा, यदि वह कभी भी वित्तीय संकट में पड़ते हैं, तो उनके लिए इसे बेच दें। क्योंकि वह अपना सारा धन बांटने के लिए प्रसिद्ध हैं।’ माउंटबेटन परिवार के विदाई समारोह में नेहरू ने सीधे एडविना को संबोधित करके कहा था, ‘आप जहां भी गई हैं, आपने उम्मीद जगाई है।’

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