MSME, रेहड़ी पटरी वालों और किसानों के लिए मोदी सरकार ने की बड़ी घोषणाएं
उन्होंने कहा कि सरकार ने MSME 20 हजार करोड़ से ज्यादा का प्रावधान किया है। MSME के लिए 50 हजार करोड़ के इ्क्विटी निवेश का प्रावधान किया।
नई दिल्ली. सोमवार को केंद्र सरकार ने MSMEs और रेहड़ी पटरी वालों और किसानों के लिए कई बड़ी घोषणाएं कींं। केंदीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि आज PM की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रीमंडल की बैठक हुई, दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरे होने के बाद यह पहली कैबिनेट बैठक थी, जिसमें कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए, जिससे किसानों, MSMEs और रेहड़ी पटरी वालों पर एक परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने MSME के लिए 20 हजार करोड़ से ज्यादा का प्रावधान किया है। MSME के लिए 50 हजार करोड़ के इ्क्विटी निवेश का प्रावधान किया। रेहड़ी पटरी वालों के लिए गए फैसलों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि 50 लाख से ज्यादा रेहड़ी पटरी वालों को लाभ मिलेगा। रेहड़ी पटरी वालों को 10 हजार रुपये लोन दिया जाएगा। जो ये एक साल में लौटा सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि किसानों की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य की कुल लागत का डेढ़ गुना ज्यादा रखने का वादा सरकार पूरा कर रही है। खरीफ फसल 20-21 के 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी कर दिया गया है। इन 14 फसलों पर किसानों को लागत का 50-83% तक ज्यादा दाम हासिल होगा। किसानों को कर्ज में छूट का ऐलान भी किया गया। उन्होंने बताया कि 31 अगस्त तो जो किसान कर्ज वापस करेगा उसे 4 फीसदी ब्याज पर कर्ज मिलेगा।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के लिए ब्याज छूट योजना शुरू की गई है। भारत सरकार 2 प्रतिशत की सब्सिडी पहले ही दे रही है। किसानों को 9 प्रतिशत की बजाए 7 प्रतिशत की दर पर कर्ज मिलता है। समय पर कर्ज चुकाने पर 3 प्रतिशत की सब्सिडी और मिलती है। इसप्रकार किसानों को 4 प्रतिशत की दर पर कर्ज मिलता है। अब किसान 31 अगस्त तक कर्ज का भुगतान कर सकते हैं उन्हें सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा देश की जीडीपी में एमएसएमई सेक्टर का योगदान 29 प्रतिशत है। देश का 48 प्रतिशत एक्सपोर्ट एमएसएमई करता है। 6 करोड़ एमएसएमई हैं। जो 11 करोड़ से ज्यादा नौकरियां दे रहे हैं। एमएसएमई में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर को एक कर दिया गया है। एमएसएमई एक्सपोर्टर प्लांट और मशीनरी में निवेश की सीमा 50 करोड़ कर दिया गया है। टर्न ओवर 100 करोड़ से बढ़ाकर 250 कर दिया गया है, साथ ही एक्सपोर्ट का टर्न ओवर शामिल नहीं होगा।