‘पाक पर एक और हमला कराने के लिए लोकसभा चुनावों की प्रक्रिया को लंबा खींचा जा रहा है’
एक सवाल के जवाब में ममता ने कहा कि सात चरणों में मतदान की घोषणा सिर्फ बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के लिए की गई है, जो यह तय करने में अहम भूमिका निभाएंगी कि केंद्र में अगली सरकार किसकी बनेगी।
कोलकाता: एक विवादित टिप्पणी में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी सोमवार को यह कहते हुए नजर आईं कि लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया को लंबा इसलिए खींचा गया है ताकि भाजपा बंगाल को परेशान करने की अपनी योजना के तहत एक और हमला (स्ट्राइक) करा सके। राज्य में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता ने यह भी कहा कि लोकसभा चुनावों के लिए उनकी पार्टी के उम्मीदवारों की सूची मंगलवार को जारी कर दी जाएगी।
ममता ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘कुछ वरिष्ठ पत्रकारों ने मुझे बताया है कि एक और हमला (स्ट्राइक) होगा। मैं नहीं कह सकता कि किस तरह का हमला। अप्रैल में तथाकथित, तथाकथित, तथाकथित के नाम पर। इसी वजह से यह (मतदान की प्रक्रिया) 19 मई तक जारी रहेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कृपया मुझे गलत तरीके से पेश नहीं करें। चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है लेकिन पश्चिम बंगाल में माहौल खराब करना भाजपा की योजना का हिस्सा है।’’
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो की टिप्पणियों को भारत की ओर से की जा सकने वाली संभावित सैन्य कार्रवाई की तरफ इशारा माना जा रहा है। ममता के बयान पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए भाजपा ने उनके आरोप को ‘‘बेबुनियाद’’ करार दिया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने बताया, ‘‘बेबुनियाद आरोप लगाना उनकी आदत है। वह हवा में बातें करती हैं। यदि उनके पास सबूत है तो उन्हें इसे सार्वजनिक करना चाहिए।’’ पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत और उसके बाद भारतीय वायुसेना की ओर से पाकिस्तान के बालाकोट में किए गए हवाई हमले को लेकर ममता ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर ‘‘युद्ध उन्माद’’ पैदा करने का आरोप लगाया था।
ममता ने यह भी कहा था कि जवानों की जिंदगी चुनावी राजनीति से कहीं ज्यादा कीमती है, लेकिन देश को जानने का हक है कि वायुसेना के हमले के बाद बालाकोट में दरअसल हुआ क्या। आगामी लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में सभी सातों चरणों में मतदान होंगे। पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल जबकि सातवें एवं अंतिम चरण का मतदान 19 मई को होगा। ममता ने यकीन जाहिर किया कि उनकी पार्टी राज्य की सभी 42 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करेगी।
उन्होंने कहा कि उन्हें लंबी खींची जा रही चुनावी प्रक्रिया से कोई दिक्कत नहीं है, इससे चुनाव कर्मी एवं वोटर ‘‘परेशान’’ होंगे और उन्हें चिलचिलाती गर्मी का सामना करना पड़ेगा। तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं ने यह भी कहा है कि रमजान के पवित्र महीने के दौरान मतदान होने से रोजा रखने वाले मुस्लिम वोटरों को दिक्कतें पेश आएंगी। ममता ने कहा, ‘‘मैं अपने राज्य के लोगों को जानती हूं। बंगाल के लोगों के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है लेकिन भाजपा उनके प्रति अनादर दिखा रही है। उन्होंने मेरे और बंगाल के खिलाफ साजिश की है, लेकिन यह उन पर उल्टा पड़ेगा।’’
एक सवाल के जवाब में ममता ने कहा कि सात चरणों में मतदान की घोषणा सिर्फ बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के लिए की गई है, जो यह तय करने में अहम भूमिका निभाएंगी कि केंद्र में अगली सरकार किसकी बनेगी। बंगाल की कुल 42 लोकसभा सीटों के लिए तृणमूल कांग्रेस, माकपा की अगुवाई वाले वाम मोर्चा, कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला होगा।