महज इतिहास में नाम दर्ज कराने के लिए मोदी सरकार ने देश पर थोपा GST: अम्बेडकर
देश में हाल ही में लागू माल और सेवा कर (GST) को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व लोकसभा सांसद और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर के पोते प्रकाश अम्बेडकर ने आज आरोप लगाया कि जनता पर नई कर प्रणाली महज इसलिए थोप दी गयी ताकि मौजूदा
इंदौर: देश में हाल ही में लागू माल और सेवा कर (GST) को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व लोकसभा सांसद और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर के पोते प्रकाश अम्बेडकर ने आज आरोप लगाया कि जनता पर नई कर प्रणाली महज इसलिए थोप दी गयी ताकि मौजूदा प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री का नाम इतिहास में दर्ज हो सके।
अम्बेडकर ने संविधान निर्माता की नजदीकी जन्मस्थली महू में कांग्रेस की आयोजित जन वेदना रैली में कहा, मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि पुरानी कर प्रणाली में आखिर कौन-सी कमियां थीं। जब व्यापारी, उद्यमी और आम लोग इस प्रणाली को समझा गये थे, तो जीएसटी क्यों लाया गया। सिर्फ इतिहास में नाम दर्ज कराने के लिए जीएसटी लाया गया, ताकि इसका श्रेय लिया जा सके कि जीएसटी की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली के कार्यकाल में हुई।
उन्होंने कहा कि जब महज श्रेय लेने के लिए एक बनी-बनाई व्यवस्था बदल दी जाती है, तो मान लीजिये कि देश में बिखराव की शुरूआत हो गयी है। अम्बेडकर ने वाणिज्य जगत में जीएसटी को लेकर व्याप्त असंतोष का जिक्र करते हुए कहा कि गुजरात, उत्तरप्रदेश और राजस्थान जैसे भाजपा शासित सूबों में इस नई कर प्रणाली का सबसे ज्यादा विरोध हो रहा है।
पूर्व लोकसभा सांसद ने किसानों के मुद्दे पर न केवल भाजपा नीत केंद्र सरकार को घेरा, बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा पर भी सवाल उठाये। उन्होंने कहा कि जो किसान उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार उन्हें उनकी उपज के बेहतर दाम दिलवाएगी, उन किसानों को भाजपा या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के किसी कार्यकर्ता से पूछना चाहिए कि क्या उसकी विचारधारा के शब्दकोश में दया या करुणा नाम का कोई लफ्ज है।
अम्बेडकर ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों को फसलों के उचित दाम दिलाने की अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए इस मामले में प्रभावी हस्तक्षेप नहीं कर रही है। इसके साथ ही, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के जरिये न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पादों की खरीद इस तरह घटा दी गयी है कि सरकार इस अहम एजेंसी को बंद करने जा रही है।
संविधान निर्माता के 63 वर्षीय पोते ने भाजपा की ओर इशारा करते हुए यह आरोप भी लगाया कि देश में आये दिन गोमांस को मुद्दे को उछालकर दहशत का माहौल बनाया जा रहा है। अम्बेडकर ने कहा कि धर्म एक व्यक्तिगत मामला है, लेकिन देश में विचारधाराओं की बुनियादी लड़ाई में धर्म का इस्तेमाल किया जा रहा है। देश में धर्म की राजनीति की शुरूआत दरअसल अनीति की राजनीति की शुरूआत है।
रैली में कांग्रेस दो राष्ट्रीय सचिव सज्जनसिंह वर्मा और जीतू पटवारी, कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष अरुण यादव और प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह भी मौजूद थे।