मोदी ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया,चुनाव से पहले कर रहे उन्हें याद: कांग्रेस
छोटे और सीमांत किसानों के लिए ‘पीएम - किसान’ योजना का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुभारंभ करने के बाद रविवार को कांग्रेस ने उन पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि आम चुनाव से पहले उन्हें अपनी छवि बचाने की जरूरत आन पड़ी है क्योंकि उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान कुछ नहीं किया।
नयी दिल्ली: छोटे और सीमांत किसानों के लिए ‘पीएम-किसान’ योजना का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुभारंभ करने के बाद रविवार को कांग्रेस ने उन पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि आम चुनाव से पहले उन्हें अपनी छवि बचाने की जरूरत आन पड़ी है क्योंकि उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान कुछ नहीं किया। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि सरकार को अब किसानों की याद आ रही है क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उन्हें इसकी याद दिलाते रहे हैं और विपक्षी पार्टी शासित राज्यों ने किसानों के फायदे के लिए कदम उठाए हैं।
इससे पहले रविवार को मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम - किसान) योजना का उप्र के गोरखपुर से शुभारंभ करते हुए एक करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 2,000 रूपये की प्रथम किस्त अंतरित की। किसानों को तीन किस्तों में कुल 6,000 रूपये दिए जाएंगे। खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्हें (मोदी को) अपनी छवि बचाने की जरूरत आन पड़ी है। यह (योजना) इससे ज्यादा कुछ और नहीं है।’’ उन्होंने दावा किया कि चुनाव पूर्व इस तरह के उपाय काम नहीं करेंगे। उन्होंने असम में जहरीली शराब पीने से 124 लोगों की मौत होने की घटना और अरूणाचल प्रदेश में हुई हिंसा पर मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया। भाजपा पूर्वोत्तर के इन दोनों राज्य में सत्ता में है।
खेड़ा ने मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘वह सुबह से लेकर शाम तक यात्रा करते हैं, तीन-चार बार कपड़े बदलते हैं। लेकिन जिस काम के लिए उन्हें चुना गया ,वह उसे नहीं करते ना ही मुख्यमंत्री (भाजपा के) करते हैं। आप इस तरह की त्रासदी पर चुप क्यों हैं ?’’ उन्होंने कहा, ‘‘...हम उनकी चुप्पी और अक्षमता की निंदा करते हैं।’’ कांग्रेस नेता ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में कश्मीरियों को निशाना बनाए जाने के खिलाफ बोलने में नौ दिनों का वक्त लगाने को लेकर भी प्रधानमंत्री की आलोचना की। उन्होंने दावा किया कि इतने दिनों तक शांति की अपील नहीं की। उन्होंने हैरानगी जताई कि क्या प्रधानमंत्री इसलिए चुप थे कि यह उन्हें फबता था। खेड़ा ने अतीत में भीड़ हिंसा की घटनाओं के बाद भी मोदी की कथित चुप्पी का जिक्र किया।
उन्होंने कहा , ‘‘...जब आपको सूट करता है तब आप बोलते हैं और जब देश को सूट करता है तब नहीं बोलते हैं।’’ गौरतलब है कि कश्मीरियों को निशाना बनाए जाने के खिलाफ मोदी ने शनिवार को राजस्थान में एक जनसभा में कहा था कि यह हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह उनकी हिफाजत करे। यह पूछे जाने पर कि मोदी मन की बात रेडियो कार्यक्रम में चुनाव के बाद सत्ता में लौटने के प्रति आश्वस्त दिख रहे थे, खेड़ा ने कहा कि यह मतदाताओं को फैसला करना है कि सत्ता में कौन लौटेगा।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बातें कम और काम ज्यादा करते थे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के जम्मू में एक जनसभा को संबोधित करने को लेकर खेड़ा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास और अनुच्छेद 370 रद्द करने के अपने वादे पर कुछ नहीं किया बस राजनीति कर रही है। उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले को राजनीतिक रंग देने के भाजपा के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे उठा कर गौरवान्वित है।