श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीपुल्स डेमोक्रैटिक पार्टी की सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती पर अलगाववादियों के साथ काम करने का आरोप लगाते हुए सरकार ने उनकी हिरासत को बढ़ा दिया है। मुफ्ती की हिरासत का आधार बताते हुए सरकार ने 6 पेज के डोजियर में कहा गया है कि महबूबा अलगाववादियों के साथ काम कर रही थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस डोजियर में महबूबा मुफ्ती के अनुच्छेद 370 को रद्द करने से पहले के लिंचिंग व हाईवे रोकने व अन्य ट्वीट शामिल हैं।
बता दें कि कश्मीर के करीब 50 राजनेताओं को 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को रद्द करने से कुछ दिन पहले हिरासत में लिया गया। इसमें 3 पूर्व मुख्यमंत्री भी शामिल हैं, जिन्हें गिरफ्तारी के बाद जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में रखा गया है। ये तीनों पूर्व मुख्यमंत्री हैं फारूख अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला एवं महबूबा मुफ्ती। इनके अलावा वरिष्ठ पीआरडी नेताओं नईम अख्तर व सरताज मदनी व नेशनल कान्फ्रेंस के महासचिव अली मुहम्मद सागर को भी पीएसए के तहत हिरासत में रखा गया है।
सरकार द्वारा जारी किए गए डोजियर में कहा गया है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता सागर की हिरासत का आधार उनका अनुच्छेद 370 व 35ए के खिलाफ बहुत मुखर होना है। डोजियर में कहा गया, ‘वह युवाओं, विशेष रूप से पार्टी कार्यकर्ताओं को केंद्र सरकार के फैसलों के खिलाफ उकसाने में शामिल थे। सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने की उनकी क्षमता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह आतंकवाद के दौरान मतदाताओं को संगठित करने व चुनाव बहिष्कार के लिए प्रेरित करने में सफल रहे।’
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