मजदूरों से किराए पर मायावती का बयान, कहा सरकारें मना करती है तो BSP करेगी मदद
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि यदि राज्य सरकारें किराया देने से मना करती हैं तो बसपा मजदूरों के हिस्से का किराया अदा करेगी।
कोरोना वायरय के चलते देश भर में 42 दिनों से लॉकडाउन जारी है। इस दौरान देश के विभिन्न राज्यों में मजदूर फंसे हुए हैं। अब इनकी घर वापसी शुरू हो गई है। वहीं मजदूरों से लिए जाने वाले किराए पर राजनीति भी शुरू हो गई है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि यदि राज्य सरकारें किराया देने से मना करती हैं तो बसपा मजदूरों के हिस्से का किराया अदा करेगी। हालांकि केंद्र साफ कर चुका है कि रेलवे 85 प्रतिशत और राज्य 15 प्रतिशत वहन करेंगे। इससे पहले कल कांग्रेस और फिर आरजेडी ने मजदूरों का किराया देने की बात कही थी।
मायावती ने आज लगातार दोे ट्वीट कर मजदूरों से किराया लिए जाने पर चिंता जताई। मायावती ने कहा कि यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण है कि केन्द्र व राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों को ट्रेनों व बसों आदि से भेजने के लिए, उनसे किराया भी वसूल रही हैं। सभी सरकारें यह स्पष्ट करें कि वे उन्हें भेजने के लिए किराया नहीं दे पायेंगी। बी.एस.पी. की यह माँग है। ऐसी स्थिति में बी.एस.पी. का यह भी कहना है यदि सरकारें प्रवासी मजदूरों का किराया देने में आनाकानी करती है तो फिर बी.एस.पी., अपने सामर्थवान लोगों से मदद लेकर, उनके भेजने की व्यवस्था करने में अपना थोड़ा योगदान जरूर करेगी।
बता दें कि श्रमिकों को वापस लाने के लिए शनिवार से शुरू हुई रेलवे की कवायद सोमवार को किराए के झलेले में फंस गई। मजदूरों से रेल किराया वसूले जाने की खबरों के बीच कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी का बयान सामने आया कि कांग्रेस की राज्य कमेटियां वापस आए मजदूरों का पूरा पैसा देंगी। राजधानीति बयानों के सामने आने के बाद केंद्र और रेलवे ने स्पष्टीकरण देकर साफ किया कि 85 फीसदी खर्च रेलवे उठाएगी और 15 फीसदी राज्य उठाएंगे।