लखनऊ. सिंघु बॉर्डर पर कत्ल किए गए दलित युवक लखबीर सिंह के परिवार के लिए उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने सरकारी नौकरी की मांग की है। मायावती ने ट्वीट कर कहा कि सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के दलित युवक की हत्या दुखद व शर्मनाक है।
BSP की यह मांग है कि पुलिस घटना को गंभीरता से ले और दोषियों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई करे। मायावती ने पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी से पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की मदद किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पंजाब के दलित मुख्यमंत्री भी लखीमपुर खीरी की तरह पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की मदद व सरकारी नौकरी दें।
लखबीर के परिवार ने मांगा इंसाफ
मृतक लखबीर सिंह के परिवार ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि वो नशे का आदी था और उसे सिंघू बॉर्डर ले जाने के लिए लालच दिया गया था। लखबीर के ससुर ने शुक्रवार को बताया कि उसे वहां जाने का लालच दिया गया। इसकी जांच होनी चाहिए और उसे न्याय मिलना चाहिए।
लखबीर सिंह एक मजदूर के रूप में काम करता था। उनकी बहन ने मीडिया को बताया, "उसने 50 रुपये लिए और कहा कि वह चबल में काम करने जा रहा है और 7 दिनों के बाद वापस आ जाएगा। मुझे लगा कि वह वहां काम करने गया है। वह ऐसा व्यक्ति नहीं था (गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान करने के लिए)। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।"
चीमा कलां गांव में मृतक लखबीर सिंह के घर पर पहुंचे ASI कबाल सिंह ने बताया कि उनके परिवार में पत्नी, तीन बेटियां हैं जिनमें सबसे छोटी 8 साल की और सबसे बड़ी बेटी 12 साल की है। ASI कबाल सिंह ने बताया कि 5-6 साल पहले लखबीर सिंह को उसकी पत्नी ने उन्हें छोड़ दिया था और वो अलग रहती हैं।
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