नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों से ठीक पहले उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच हुआ गठबंधन चुनाव नतीजों के बाद टूट गया है, बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि समाजवादी पार्टी में बड़े सुधार की जरूरत है और अखिलेश यादव ने पार्टी को सुधारा तो बसपा उनके साथ फिर से गठबंधन कर लेगी।
मायावती ने कहा कि जबसे सपा और बसपा का गठबंधन हुआ था तब से अखिलेश यादव और डिंपल यादव मुझे सम्मान देते रहे हैं। मायावती ने कहा कि उन्होंने भी पुराने गिले सिकवे भुगालकर उनको अपने परिवार की तरह आदर सम्मान दिया है। मायावती ने कहा कि उनके और अखइलेश यादव के बीच बने पारिवारिक रिश्ते कभी खत्म नहीं होंगे।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि इस बार यादवों ने समाजवादी पार्टी के साथ भीतरघात किया और अपनी ही पार्टी के प्रत्याशियों को वोट नहीं दिया। मायावती ने कहा कि जब यादवों ने सपा को ही वोट नहीं दिया तो बसपा को क्या देते। उन्होंने कहा कि सपा में बड़े सुधार की जरूरत है और अखिलेश ने पार्टी सुधारी तो हम फिर साथ आ सकते हैं। बसपा सुप्रीमो ने इस बात का भी जिक्र किया कि अखिलेश यादव अपनी पारिवारिक सीट भी नहीं बचा पाए और उनकी पत्नी डिंपल के साथ-साथ चचेरे भाई धर्मेंद्र और अक्षय तक चुनाव हार गए।
मायावती ने कहा हम राजनीतिक विवशता को नहीं छोड़ सकते, लोकसभा चुनावों के दौरान समाजवादी पार्टी के बेस वोट बैंक यादवों ने पार्टी को वोट नहीं किया, यहां तक की समाजवादी पार्टी के मजबूत नेता भी हार गए। मायावती ने कहा कि सपा और बसपा के गठबंधन को तोड़ने का फैसला स्थाई नहीं है, अगर भविष्य में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव राजनीतिक तौर पर मजबूत होते हैं तो वे उनके साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं, लेकिन अगर वे सफल नहीं होते तो दोनो का अलग-अलग चलना सही होगा। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि उनकी पार्टी ने उपचुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है।
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