जम्मू: पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं उत्तर प्रदेश से भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर के दूसरे उप राज्यपाल के रूप में शुक्रवार को शपथ ली। इसके साथ ही सभी प्रशासनिक सचिवों की बैठक बुलाई गई है। यह बैठक सचिवालय में शाम सवा तीन बजे होगी। इसमें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा रोडमैप का खुलासा करेंगे। इस बैठक के संबंध में जीएडी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी प्रशासनिक सचिव तय समय पर उपस्थित हों। माना जा रहा है कि बैठक में वे अपना विजन सबके सामने रखेंगे। प्रशासन किस प्रकार चलाना है और क्या प्राथमिकताएं होंगी, इसकी रूपरेखा वे अधिकारियों के समक्ष रखेंगे।
सिन्हा का जन्म एक जुलाई 1959 को पूर्वी उत्तर प्रदेश में गाजीपुर जिले के मोहनपुर में हुआ था। वह पूर्वी उत्तर प्रदेश के पिछड़े गांवों के विकास के लिए सक्रिय रूप से काम करते रहे हैं। ‘विकास पुरुष’ के नाम से विख्यात सिन्हा का राजनीतिक करियर 1982 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्र संघ का अध्यक्ष चुने जाने के साथ शुरू हुआ। वह 1989 से 1996 तक भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहे। सिन्हा तीन बार लोकसभा सदस्य रहे हैं।
वह 1996 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए और उन्होंने 1999 में दोबारा जीत हासिल की। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने तीसरी बार जीत दर्ज की। इसी साल भाजपा ने केंद्र की सत्ता में वापसी की। सिन्हा ने 2016 में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के तौर पर संचार मंत्रालय संभाला। इस दौरान संचार उद्योग स्पेक्ट्रम की बिक्री में जुटा था।
वह पहले राजनेता हैं, जिन्हें केन्द्र शासित प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांटे जाने से पूर्व राजनेता सत्य पाल मलिक को केन्द्र ने (पूर्ववर्ती राज्य) जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया था। इससे पहले, 1985 बैच के आईएएस अधिकारी मुर्मू ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
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