MANN KI BAAT: GST से देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा सकारात्मक प्रभाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज लोगों ने 'मन की बात' कर रहे हैं। मन की बात के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मानसून अच्छा होता है लेकिन इस बार यह विनाश का कारण बन गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोगों ने 'मन की बात' की। कार्यक्रम का यह 34वां संस्करण था। मन की बात के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मानसून अच्छा होता है लेकिन इस बार यह विनाश का कारण बन गया है। लोगों को बाढ़ से बचाने के लिए हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों की मदद करने के लिए हमने एक हेल्पलाइन नंबर 1078 जारी किया है, जो 24 घंटे उपलब्ध रहेगा।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, जिस तरह लोग हमेशा से ही हमें नए-नए उपाय और सुझाव देते हैं उसी प्रकार इस बार भी लोगों ने जीएसटी पर हमें फोन और चिट्टी के द्वारा अपने सुझाव दिए। मोदी ने कहा कि जीएसटी लागू हुए 1 महीने से भी ज्यादा हो गया है और इसके अच्छे परिणाम दिखने लगे हैं। पीएम ने कहा कि जीएसटी ने अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। पीएम ने कहा कि इसने अर्थव्यवस्था को सहारा दिया है. दुनिया की यूनिवर्सिटी के लिए एक विषय बनेगा। इतने बड़े देश में सफलतापूर्वक लागू करना और आगे बढ़ना एक सफलता है। जीएसटी लागू करने में सभी राज्यों की भागीदारी है और सभी की जिम्मेदारी है. सभी राज्यों ने सर्वसम्मति से लागू किया है।
जीएसटी के पहले जिसका दाम जो था वह एक मोबाइल पर उपलब्ध है। वन नेशन वन टैक्स के इस प्रावधान पर तहसील तक के स्तर के अधिकारियों ने काफी मेहनत की है। इससे दुकानदार और उपभोक्ता में विश्वास बढ़ा है। जीएसटी से ईमानदारी की संस्कृति को बढ़ावा मिलता है, यह सामाजिक अभियान है।
पीएम मोदी ने कहा कि अगस्त क्रांति का महीना है. इस दौरान भारत में आजादी की क्रांति हुई. इस महीने में कई घटनाएं आजादी से जुड़ी हैं। इस वर्ष भारत छोड़ो की 75वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं। भारत छोड़ो, यह नारा डॉ यूसुफ मेहर अली ने दिया था. इतिहास के पन्ने भारत की आजादी की प्रेरणा है। 9 अगस्त, 1942 को महात्मा गाँधी ने भारत छोड़ो आंदोलन का आह्वाहन किया, लेकिन अंग्रेजी सल्तनल ने सारे बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया। यह वह कालखंड था, जिसमें देश की Second Generation की लीडरशिप ने, यानी डॉ. लोहिया, यह प्रकाश नारायण जैसे महापुरूषों ने अग्रिम भूमिका निभाई। पीएम मोदी ने मन की बात के दौरान कही ये बातें:
पीएम ने कहा कि सफलता पाने के लिए काम करने की जरूरत है। संकल्प से सिद्धि का अभियान चलाएं। न्यू इंडिया के लिए आप संकल्प लें और पूरा करें। नए आइडिया पर विचार करें। एक नागरिक के नाते अपना योगदान दें। पीएम ने कहा कि ऑनलाइन वाली दुनिया को आगे आना चाहिए और नए भारत के निर्माण में अपना सहयोग दें। इस मुहीम को जनआंदोलन में परिवर्तित करें।
पीएम मोदी ने कहा कि 15 अगस्त को लाल किले से कोई व्यक्ति नहीं बोलता, देश की आवाज बोलती है। उन्होंने कहा कि मैं उसके लिए लोगों से सुझाव मांगता हूं। उन्होंने लोगों से विचार मांगें। पीएम ने कहा कि पिछले तीन बार से मुझे शिकायत मिली कि मेरा भाषण लंबा होता है। इस बार मैं भाषण छोटा करने का प्रयास करूंगा। पीएम ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में सामाजिक विश्वास है। उत्सव सामाजिक सुधार का अवसर है। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन, जन्माष्टमी आदि कई उत्सव होंगे. यहां पर गरीब की मदद का संकल्प लें। इससे व्यक्ति और समाज में जुड़ाव आता है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि रक्षाबंधन में कितने लोगों को रोजगार मिलता है। दीपावली में लोगों को रोजगार मिलता है. पीएम ने कहा कि त्योहारों में पर्यावरण का संरक्षण भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि कई लोगों ने मुझे इस संबंध में चिट्ठी लिखी है। उन्होंने बताया कि लोगों को ईको फ्रेंडली गणेश मूर्ति बनाए जाने की जरूरत महसूस हो रही है। यह अपील पीएम ने की।
पीएम मोदी ने कहा कि समाज के लिए जिस गणेशोत्सव को आरंभ किया गया था। उस भावना को फिर से प्रबल बनाया जाए. पीएम ने कहा कि मिट्टी से बने हुए ही गणेश का इस्तेमाल हो। पीएम देश वासियों को आने वाले उत्सव की शुभकामनाएं दीं।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी बेटियां देश का नाम रोशन कर रही है। देशवासियों को उन पर गर्व है। उन्होंने महिला क्रिकेट विश्वकप का जिक्र कर कहा कि उनसे मिलकर अच्छा लगा। वे वर्ल्ड कप हार का बोझ महसूस कर रही थीं। मैंने उनसे कहा कि लोग मर्यादा से ज्यादा अपना गुस्सा फोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ कि देशवासियों ने हार का बोझ अपने ऊपर लिया।