इम्फाल: राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच आज नॉर्थ ईस्ट की राजनीति के लिहाज से भी बड़ा दिन है। मणिपुर विधानसभा में आज विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है। ये फ्लोर टेस्ट ही बीजेपी की गठबंधन सरकार का भविष्य तय करेगा। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बीते शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया था। सीएम ने ये कदम तब उठाया था जब विपक्षी कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई।
इस बीच कांग्रेस ने अपने 24 विधायकों को आज एक दिवसीय विधानसभा सत्र में शामिल होने और बीजेपी नीत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में मतदान करने के लिए व्हिप जारी किया है।
कांग्रेस विधायकों ने इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस दिया है। वरिष्ठ विधायक और कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक के. गोविंदास ने बताया कि पार्टी विधायकों को आज सदन में चर्चा और मतदान के लिए उपस्थित रहने के लिहाज से तीन लाइन का व्हिप जारी किया गया है।
उन्होंने कहा कि अगर कोई विधायक पार्टी व्हिप का उल्लंघन करता है तो उसे भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची के पैराग्राफ 2 (1) (बी) के तहत मणिपुर विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया जाएगा। मणिपुर में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कुल 60 सीटों में से कांग्रेस ने 28 सीटों पर जीत हासिल की थी और वह सदन में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी।
इन सदस्यों में से टी श्यामकुमार के बीजेपी में शामिल होने के बाद दलबदल रोधी कानून के तहत विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने हाल ही में कांग्रेस के तीन और विधायकों के बीरेन सिंह, वाई सूरचंद्र सिंह तथा एस बीरा सिंह को भी अयोग्य करार दिया।
प्रदेश कांग्रेस ने जुलाई में राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट पर हुए चुनाव में कथित तौर पर बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में वोट डालने पर दो विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
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