A
Hindi News भारत राजनीति बंगाल में प्रेस की स्वतंत्रता का 'हनन' कर रही है ममता सरकार , राज्यपाल धनखड़ ने लगाया आरोप

बंगाल में प्रेस की स्वतंत्रता का 'हनन' कर रही है ममता सरकार , राज्यपाल धनखड़ ने लगाया आरोप

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि उनकी सरकार राज्य में प्रेस की स्वतंत्रता का 'हनन' कर रही है और झूठे मामलों में फंसाकर पत्रकारों को डरा रही है। 

बंगाल में प्रेस की स्वतंत्रता का 'हनन' कर रही है ममता सरकार , राज्यपाल धनखड़ ने लगाया आरोप- India TV Hindi Image Source : INDIA TV बंगाल में प्रेस की स्वतंत्रता का 'हनन' कर रही है ममता सरकार , राज्यपाल धनखड़ ने लगाया आरोप

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि उनकी सरकार राज्य में प्रेस की स्वतंत्रता का 'हनन' कर रही है और झूठे मामलों में फंसाकर पत्रकारों को डरा रही है। कोलकाता से इंडिया टीवी को दिये एक वीडियो इंटरव्यू में राज्यपाल ने कहा: 'लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने मेरे साथ लंबी चर्चा की और उन्होंने शिकायत की कि राज्य सरकार प्रेस की आज़ादी का उल्लंघन कर रही है और जो पत्रकार सरकार की लाइन पर नहीं चल रहे हैं उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज कर रही है।

धनखड़ ने कहा, 'विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान, वाम मोर्चा और भाजपा के नेताओं ने भी मुझसे मुलाकात की और इसी तरह के आरोप लगाए।" उन्होंने कहा-'यदि बंगाल के सबसे बड़े दैनिक आनंद बाजार पत्रिका के संपादक को पूछताछ के लिए पुलिस समन करे तो यह निश्चित रूप से राज्यपाल के लिए चिंता का विषय है। अगर पत्रकारों के खिलाफ गलत मुकदमे थोपे जाएंगे तो यह भी मेरे लिए चिंता का विषय है।'

आज मैंने कलकत्ता प्रेस क्लब के अधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें कहा: 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है लेकिन अभिव्यक्ति के बाद की स्वतंत्रता और भी महत्वपूर्ण है। अगर आप सरकार के खिलाफ कुछ भी लिखते हैं तो आपके दरवाजे पर पुलिसकर्मी दस्तक नहीं दे सकते।' राज्यपाल ने आरोप लगाया कि कुछ जिलों में अधिकारी केबल नेटवर्क पर कुछ समाचार चैनलों के प्रसारण को रोक रहे हैं।

कोविड 19 और चक्रवात अम्फान से निपटने को लेकर राज्यपाल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा चक्रवात के प्रभावों से निपटने के लिए कोई इमरजेंसी प्लानिंग नहीं थी। उन्होंने कहा- 'कोलकाता के इतिहास में कभी भी बिजली, पानी, इंटरनेट और कनेक्टिविटी दस दिनों के लिए बंद नहीं हुई। मैं सेना को सलाम करता हूं, जिसे सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए तीन दिनों के बाद बुलाया गया था।'

राज्यपाल ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार उनसे  'एक संवैधानिक दूरी' बनाए हुए है, और सभी विपक्षी नेताओं को 'क्वारन्टीन' में डाल दिया है, जबकि सत्ताधारी पार्टी के नेताओं को लोगों के बीच स्वतंत्र रूप से घूमने की अनुमति दी है। धनखड़ ने आरोप लगाया कि 'कुप्रबंधन' की वजह से कोविड -19 से निपटने में एक सप्ताह के भीतर कोलकाता पुलिसकर्मियों में तीन बार अशांति की स्थिति पैदा हुई।

राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव से यह कहा कि राज्य में 40 हजार से ज्यादा कोविड 19 टेस्ट के बावजूद रिपोर्ट प्राप्त करने में क्या देरी हुई है। उन्होंने कहा- 'मुख्य सचिव ने कहा कि वे 40 हजार से ज्यादा के आंकड़े से सहमत नहीं हैं लेकिन कहा कि यह कई हजारों में हो सकता। दो सप्ताह से भी ज्यादा वक्त बीत गया लेकिन रिपोर्ट नहीं आई।'  राज्यपाल ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य में पूरी जनवितरण प्रणाली का राजनीतिकरण हो चुका है। भारतीय खाद्य निगम और नेफेड से पर्याप्त आपूर्ति के बावजूद 'लोगों को खाद्यान्न और दाल के रूप में राहत सामग्री नहीं मिल रही है।'

आप पूरे इंटरव्यू को इस यूट्यूब लिंक पर देख सकते हैं

Latest India News