कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार की नोटबंदी की आलोचना करते हुए बुधवार को आश्चर्य जताया कि क्या नोटबंदी इसलिए लागू की गई थी कि कालाधन रखने वाले गुपचुप इसे सफेद धन में तब्दील कर ले। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने घोषणा की है कि आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी के जरिए चलन से बाहर किए गए 15.42 लाख करोड़ रुपए में से 99 प्रतिशत से अधिक शीर्ष बैंक के पास वापस आ गए हैं।
ममता का सवाल काला धन कहां गया?
ममता ने सोशल मीडिया पर जारी एक पोस्ट में सवाल किया है, "मेरा पहला सवाल आज यह है कि काला धन कहां गया? मेरा दूसरा सवाल यह है कि क्या यह योजना इसलिए लाई गई थी कि काला धन रखने वाले अपने काले धन को गुपचुप सफेद धन में परिवर्तित कर लें?"
आरबीआई ने जारी की रिपोर्ट
आरबीआई ने बुधवार को घोषणा की कि 2017-18 की उसकी रिपोर्ट के अनुसार, अमान्य किए गए 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों की सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद पाया गया कि आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी के समय चलन में रहे विमुद्रित 15.42 लाख करोड़ रुपए में से 15.31 लाख करोड़ रुपए यानी 99.3 फीसदी मुद्रा बैंकिंग प्रणाली में वापस आ गई है।
नोटबंदी को बताया बड़ा जनविरोधी कदम
बनर्जी ने यह भी कहा कि उनकी अंतरात्मा कहती है कि क्रूर नोटबंदी की घोषणा एक बड़ा जनविरोधी कदम था। उन्होंने यह भी कहा कि इसने देश की आम जनता को, खासतौर से किसानों, असंगठित क्षेत्र, छोटे उद्यमों और कड़ी मेहनत करने वाले मध्य वर्ग को बुरी तरह प्रभावित किया है और आगे भी करेगा। उन्होंने कहा, "आज आरबीआई ने 2017-18 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में हमारी चिंता को सही साबित कर दिया है। यह एक त्रासदी है और शर्म की बात है।"
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