कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगी। इस मुलाकात के दौरान वह त्रिपुरा हिंसा और बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने का मुद्दा उठा सकती हैं। तृणमूल कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी की चार दिनों की यात्रा के दौरान बनर्जी के कई विपक्षी नेताओं से मिलने और 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला करने के लिए अपनाये जा सकने वाले तरीकों पर चर्चा करने की संभावना है। बनर्जी, संसद में टीएमसी की रणनीति पर फैसला करने के लिए पार्टी के सांसदों के साथ एक बैठक भी करेंगी। जुलाई से दिल्ली की उनकी यह दूसरी यात्रा है।
उन्होंने दिल्ली रवाना होने से पहले संवाददाताओं से कहा, 'अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान, मैं प्रधानमंत्री से मिलूंगी। राज्य से संबंधित विभिन्न मामलों के अलावा, मैं बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के साथ-साथ त्रिपुरा हिंसा से संबंधित मुद्दों को उठाऊंगी।' बनर्जी ने आश्चर्य व्यक्त किया कि मानवाधिकार आयोग पूर्वोत्तर राज्य में बल के भारी इस्तेमाल का "संज्ञान क्यों नहीं ले रहा” है।
उन्होंने कहा, 'त्रिपुरा के मुख्यमंत्री (बिप्लब देब) और उनकी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्देश की अवहेलना कर रहे हैं। उन्हें आम लोगों को जवाब देना होगा। मैं शीर्ष अदालत से उनकी सरकार के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करने की अपील करूंगी।'
बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा डरी हुई है क्योंकि वह समझ गयी है कि आम आदमी का उस पर से भरोसा उठ गया है। बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में विस्तार के मुद्दे पर बात करते हुए बनर्जी ने कहा कि भाजपा अपने फायदे के लिए अर्द्धसैनिक बल का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘वे (बीएसएफ) दुश्मन नहीं हैं। वे भी मेरे दोस्त हैं। किसी इलाके में कानून व्यवस्था राज्य सूची का विषय है। भाजपा बीएसएफ जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल अपनी पार्टी की गतिविधियों के लिए कर रही है।
इनपुट-भाषा
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