सु्प्रीम कोर्ट ने आज मालोगांव ब्लास्ट के मुख्य अभियुक्त कर्नल पुरोहित की ज़मानत याचिका स्वीकार कर ली। कर्नल पुरोहित पिछले 9 साल से जेल में हैं और अब SC से ज़मानत मिलने के बाद जल्द ही वह ज़मानत पर रिहा हो जाएंगे।
18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कर्नल पुरोहित की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस दौरान कर्नल पुरोहित के वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट से कहा कि न्याय के हित में पुरोहित को ज़मानत मिलनी चाहिए। कर्नल पुरोहित का बम धमाके से किसी संबंध के सबूत नहीं मिले हैं और अगर धमाके के आरोप हट जाते हैं तो अधिकतम सज़ा सात साल हो सकती है जबकि वह 9 साल से जेल में हैं।
पुरोहित की ओर से यह भी माना गया कि वह अभिनव भारत संगठन की मीटिंग में गए थे लेकिन वह सेना की जासूसी के लिए वहां गए थे। पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट में यह भी कहा कि उन्हें राजनीतिक क्रॉसफायर का शिकार बनाया गया है और ATS ने गलत तरीके से फंसाया है जबकि NIA ने जमानत का विरोध करते हुए कहा है कि कर्नल पुरोहित को ज़मानत देने का यह उचित समय नहीं है। ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट ने माना है कि वह बम बनाने और सप्लाई करने में शामिल थे।
गौरतलब है कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित 2008 में मालेगांव में हुए बम धमाकों के आरोपी हैं। इस हमले में चार लोग मारे गए थे जबकि 79 घायल हुए थे।
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