बलिया। उत्तर प्रदेश विधानसभा में सपा और विपक्ष के नेता रामगोविन्द चौधरी ने महाराष्ट्र से राष्ट्रपति शासन हटाए जाने और नई सरकार के गठन के बीच के घटनाक्रम पर श्वेतपत्र जारी करने की मांग की है। चौधरी ने रविवार को यहां कहा कि महाराष्ट्र में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने जिस तरह रात में गुपचुप तरीके से राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश की, जिस प्रकार उसकी मंजूरी मिली और नई सरकार का गठन हुआ, उसे लेकर चौक-चौराहों और सोशल मीडिया पर जो सवाल उठ रहे हैं, वे राज्यपाल पद की गरिमा के अनुरूप नहीं है।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल पद की गरिमा तार-तार न हो, इसलिए सम्पूर्ण घटनाक्रम पर श्वेतपत्र जारी किया जाना जरूरी है। चौधरी ने कहा कि इसे लेकर जो सवाल उठ रहे हैं, उसमें ये काफी महत्वपूर्ण है कि आपने राष्ट्रपति शासन हटाने की रिपोर्ट किस समय भेजी? राष्ट्रपति ने इस रिपोर्ट को किस समय स्वीकार किया? किस समय प्रधानमंत्री को भेजा? इसे लेकर कैबिनेट बैठक बुलाने का निर्देश और सूचना कब जारी हुई? यह बैठक कब हुई? कैबिनेट की अनुशंसा राष्ट्रपति के पास किस समय पहुंची? महाराष्ट्र से राष्ट्रपति शासन हटाने का निर्णय राज्यपाल को कब प्राप्त हुआ?
सपा नेता ने कहा, लोग यह भी जानना चाहते हैं कि राज्यपाल ने किस आधार पर राष्ट्रपति शासन हटाने की अनुशंसा की जबकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पिछली चिट्ठी में कोश्यारी ने लिखा था कि किसी दल ने दावा पेश नहीं किया है और बहुमत परीक्षण से पहले विधायकों की ख़रीद फ़रोख़्त की आशंका है।
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