मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार में मंत्री जितेंद्र आव्हाड के एक बयान से हंगामा मचा हुआ है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता जितेंद्र ने बुधवार को एक सभा में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लोकतंत्र का गला घोंटने वाला बताया था। बाद में जब बयान पर बवाल बढ़ा तो उन्होंने इसपर सफाई भी दी। आव्हाड ने कहा कि मैं इंदिरा गांधी ने तमाम बड़े फैसले लिए थे और वह उनका सम्मान करने वाले एक आदर्श राजनीतिक कार्यकर्ता हैं।
‘भाषण के अर्थ का अनर्थ हो गया’
उद्धव ठाकरे के मंत्री आव्हाड ने कहा, ‘बीड में दिए गए भाषण के अर्थ का अनर्थ हो गया। मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि मैं इंदिरा जी को मानने वाला एक आदर्श राजनीतिक कार्यकर्ता हूं। मैं कांग्रेस में भले नहीं हूं, लेकिन कांग्रेस के लोगों के साथ हूं।’ NCP नेता ने कहा कि संयुक्त महाराष्ट्र में मुंबई को रखने का निर्णय हो या बैंकों के राष्ट्रीयकरण का, या फिर पाकिस्तान के 2 टुकड़े करने और सिक्किम को भारत में शामिल करने का, इंदिरा गांधी ने एक दमदार नेता की भूमिका निभाई थी। आव्हाड ने कहा कि मैं इंदिरा का समर्थक हूं और यह कहने में मुझे कोई शर्म नहीं है।
‘इंदिरा हार सकती हैं तो मोदी और शाह कौन हैं’
आव्हाड ने अपनी सफाई में फिर कहा कि 1975 से 1977 के बीच इंदिरा के कुछ फैसलों के चलते लोकतंत्र के कुछ मूलभूत अधिकारों का हनन हुआ था। उन्होंने कहा कि बाद में इसके खिलाफ आंदोलन हुए और इंदिरा गांधी की राजनीतिक हार हुई। आव्हाड ने कहा कि देश में जब लोकतंत्र का हनन होता है तो जनता उग्र होती है और आज अमित शाह और नरेंद्र मोदी के विरुद्ध वही लड़ रही है। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि यदि इस देश में इंदिरा गांधी जैसी बड़ी नेता की हार हो सकती है तो मोदी और शाह कौन हैं। इंदिरा से इनकी कोई तुलना ही नहीं हो सकती।’
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