नई दिल्ली: महाराष्ट्र में कुर्सी की लड़ाई थमते नजर नहीं आ रही है। राज्यपाल की सिफारिश पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है जिसके खिलाफ शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। शिवसेना का आरोप है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए उसे राज्यपाल ने उचित समय नहीं दिया। किसी भी दल के सरकार नहीं बनाने के हालात में राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी जिसे मान लिया गया था। इस बीच मुंबई में एनसीपी विधायकों की बैठक होगी। इस बैठक में खुद शरद पवार भी मौजूद रहेंगे।
इस मीटिंग के बाद एनसीपी-कांग्रेस ने शिवसेना को समर्थन देने पर फैसला नहीं किया और न हीं शिवसेना को इस बारे में किसी तरह का आश्वासन भी नहीं दिया गया। हैरान करने वाली बात ये थी कि सरकार बनाने में हुई देरी की कवायद के लिए एनसीपी-कांग्रेस ने पूरा ठीकरा भी शिवसेना पर ही फोड़ दिया।
दरअसल शिवसेना के साथ आगे बढ़ने से पहले एनसीपी-कांग्रेस हर स्तर पर नफा-नुकसान का आकलन कर लेना चाहती है। यही वजह है कि एनसीपी-कांग्रेस फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है। मंगलवार का दिन महाराष्ट्र में बहुत ही गहमागहमी भरा रहा। बहुमत बटोरने के लिए तमाम दलों ने माथापच्ची तो खूब की लेकिन कामयाबी नहीं मिली।
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