जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम में राज्यपाल की भूमिका भाजपा से मिलीभगत वाली प्रतीत होती है जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है और राज्यपाल को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में पर्दे के पीछे हुए खेल से पूरा देश स्तब्ध है।
गहलोत ने जयपुर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में संवाददाताओं से मामले के न्यायालय के अधीन होने का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मैं यह कह सकता हूं कि महाराष्ट्र के राज्यपाल को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि उनकी भूमिका भाजपा से मिलीभगत की रही है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्यपाल की भूमिका ऐसी होनी चाहिए कि आप संतुष्ट हों उसके बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल से सिफारिश करें लेकिन कब तो सिफारिश की, कब सुनवाई हुई, कब फैसला हुआ, कब राष्ट्रपति महोदय ने साइन किए और सुबह 5:47 पर राष्ट्रपति शासन हट गया। सुबह आठ बजे शपथ हो गई?”
गहलोत ने कहा, ‘‘पर्दे के पीछे यह जो लुकाछिपी का खेल खेला गया है, पूरा देश उससे स्तब्ध है। कल पूरे देश में इस बात की चर्चा रही, यह उदाहरण बन गया है। मेरा मानना है कि राज्यपाल महोदय को नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना के पास में बहुमत है। वह इसकी घोषणा भी कर चुके हैं। और जब वह कल दावा पेश करने वाले थे तो ऐसे में आपने क्या खेल खेला।’’
चुनावी बांड विवाद पर गहलोत ने कहा, ‘‘यह देश में आजादी के बाद का सबसे बड़ा घोटाला है। किनसे क्या सौदे किए गए, उनके बदले में क्या बॉन्ड लिए गए हैं, क्या छूट दी गई है देश की और विदेशी कंपनियों को किसी को नहीं मालूम है इतना बड़ा गेम हुआ है। और 90 फीसद से ज्यादा बॉन्ड मिले भाजपा को। उससे वह खेल खेल रहे हैं पूरे देश में, चुनाव लड़वा रहे है, खर्च कर रहे हैं, हॉर्स ट्रेडिंग कर रहे हैं, सब कुछ कर रहे हैं। हर जिले में कार्यालय बना रहे हैं जमीने ले ले करके, कहां से पैसा आ रहा है?’’
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