नई दिल्ली। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने जिन दस्तावेजों के आधार पर देवेंद्र फडणवीस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था, उन दस्तावेजों को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया। इस दस्तावेजों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता आजित पवार का 54 विधायकों वाला वो पत्र भी शामिल है जिसमें भारतीय जनता पार्टी को समर्थन दिए जाने की बात कही गई थी, इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के 105 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र तथा 11 निर्दलीय विधायकों के समर्थन वाला पत्र भी शामिल है।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में दी गई चुनौती के बाद सुप्रीम कोर्ट की तरफ से उन सभी दस्तावेजों की मांग की गई थी जिनके आधार पर महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस को सरकार बनाने का मौका दिया गया था।
एनसीपी नेता अजित पवार की तरफ से 22 नवंबर को जो समर्थन पत्र दिया गया था उसमें 54 विधायकों के हस्ताक्षर थे, अजित पवार की तरफ से जो पत्र दिया गया था उसको अधिवक्ता तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में पढ़कर सुनाया, पत्र में अजित पवार ने लिखा था कि वे महाराष्ट्र जैसे राज्य में लंबे समय तक राष्ट्रपति शासन नहीं देखना चाहते, इसलिए तय किया गया है कि आप (राज्यपाल) देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार बनाने को आमंत्रित करें। पत्र में अजित पवार ने यह भी लिखा है कि भाजपा की तरफ से सरकार बनाने के लिए पहले भी आमंत्रित किया गया था लेकिन उस समय एनसीपी विधायकों के पूरे नंबर नहीं थे इसलिए मना कर दिया गया था।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जो पत्र राज्यपाल को सौंपा था उसे भी सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया है, लेटर में देवेंद्र फडणवीस ने लिखा था कि उनके पास 117 विधायकों का समर्थन प्राप्त है और अब 54 एनसीपी विधायकों ने भी समर्थन दिया है, इसलिए उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए।
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