मुंबई/नई दिल्ली: महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदला है। भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली शिवसेना अब उससे दूर जाती दिख रही है। हालात ऐसे बन रहे हैं कि जिस कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गठबंधन के खिलाफ शिवसेना ने चुनाव लड़ा था, अब उसी के समर्थन से अगली सरकार बना सकती है। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) सुप्रीमो शरद पवार ने कहा है कि उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ बातचीत के बाद ही शिवसेना के साथ सरकार बनाने पर कोई फैसला लेगी।
दिल्ली में चल रही है CWC की बैठक
वहीं, कांग्रेस ने भी अभी तक शिवसेना के समर्थन को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। पार्टी में इस मुद्दे पर नेताओं की राय बंटी हुई है। माना जा रहा है कि कांग्रेस की केंद्रीय कार्यसमिति की अहम बैठक में महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात पर चर्चा हो सकती है। CWC की बैठक से पहले महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहब थोरात ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अहमद पटेल से फोन पर बात कर उन्हें वर्तमान राजनीतिक हालात की जानकारी दी। CWC की बैठक में कांग्रेस के कई बड़े नेता शामिल हो रहे हैं। माना जा रहा है कि इस बैठक के फैसले के बाद पवार अपना रुख तय कर देंगे।
शिवसेना के साथ सरकार बनाने के पक्ष में चव्हाण
इससे पहले कांग्रेस ने रविवार को कहा था कि वह राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं चाहती है। बीजेपी के राज्य में सरकार बनाने से इनकार के बाद कांग्रेस ने यह प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि पार्टी के नव-निर्वाचित विधायक राज्य में राजनीतिक रूख को लेकर आला-कमान से सलाह लेंगे। उन्होंने कहा, ‘हम जयपुर में हैं। हम मुद्दे पर यहां चर्चा करेंगे और भविष्य के राजनीतिक रूख पर सलाह लेंगे। पार्टी राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं चाहती है।’ चव्हाण ने कहा कि वह महाराष्ट्र में सरकार बनाने के पक्ष में हैं।
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