महाराष्ट्र उपचुनाव: क्या उपचुनावों में हार का सिलसिला तोड़ पाएगी BJP?
कुछ राज्यों में उपचुनाव के नतीजे पक्ष में नहीं होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी हताश नहीं है और उसे महाराष्ट्र के भंडारा-गोंदिया तथा पालघर लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों में जीत का पूरा भरोसा है...
मुंबई: कुछ राज्यों में उपचुनाव के नतीजे पक्ष में नहीं होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी हताश नहीं है और उसे महाराष्ट्र के भंडारा-गोंदिया तथा पालघर लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों में जीत का पूरा भरोसा है। हालांकि, विपक्षी दल कांग्रेस को लगता है कि हालिया नतीजे ‘बदलते राजनीतिक परिदृश्य’ के संकेतक हैं। भंडारा-गोंदिया सीट से बीजेपी सांसद पाना पटोले के पिछले वर्ष इस्तीफा देकर कांग्रेस में चले जाने के कारण यहां उपचुनाव हो रहे हैं। वहीं पालघर से बीजेपी सांसद चिंतामन वांगा की इस वर्ष जनवरी में मृत्यु होने के कारण यह सीट खाली हुई है। इसके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पतंगराव कदम के निधन के कारण सांगली की पलुस-काडेगांव विधानसभा सीट भी रिक्त है। इन सीटों पर उपचुनाव की तारीख की अभी घोषणा नहीं हुई है।
गौरतलब है कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और फूलपुर तथा बिहार के अररिया लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में बीजेपी को हार मिली है। पिछले महीने राजस्थान में हुए 2 लोकसभा सीटों और एक विधानसभा सीट पर चुनाव में कांग्रेस ने बाजी मार ली है। इतना ही नहीं मध्यप्रदेश में 2 विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनावों में भी कांग्रेस अपनी सीटें बचाने में कामयाब रही है। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा, ‘अलग-अलग राज्यों में मुद्दे भले ही अलग-अलग हों, लेकिन परिणाम दिखाते हैं कि जनता अपने फैसले पर एकमत है कि बीजेपी गरीब विरोधी और वह बेरोजगारी से निपटने तथा गरीबों और किसानों से किए गए अपने वादों को पूरा करने में असफल रही है। बीजेपी के खिलाफ बहुत गुस्सा है, और महाराष्ट्र में होने वाले उपचुनावों का परिणाम भी उससे अलग नहीं होगा।’
हालांकि, बीजेपी प्रवक्ता माधव भंडारी का कहना है कि राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में हार के कारण अलग- अलग हैं। भंडारी ने कहा, ‘हालांकि कांग्रेस मध्यप्रदेश में अपनी दो विधानसभा सीटों को बचाने में कामयाब रही, लेकिन वहां जीत का अंतर कम हुआ है।’ उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि राजस्थान में कांग्रेस ने उनसे 3 सीटें छीन लीं, जबकि उत्तर प्रदेश में पार्टी को झटका लगा है। भंडारी ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने माना है कि हार का कारण अति-आत्मविश्वास और आत्मतुष्टि है।’ महाराष्ट्र का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भंडारा-गोंदिया में जिला परिषद और पंचायत समितियों में बीजेपी के अधिकतम सदस्य हैं, वहीं 2014 का चुनाव बीजेपी की टिकट पर जीत कर कांग्रेस में जाने वाले पटोले के खिलाफ लोगों में गुस्सा भी है। भंडारी ने दावा किया कि पालघर में पार्टी के दिवंगत नेता चिंतामन वांगा की लोकप्रियता और साख बीजेपी के पक्ष में जाएगी।