मुंबई: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के तौर पर एक बार फिर देवेंद्र फड़णवीस की वापसी के साथ ही महीने भर से चल रहे राजनीतिक गतिरोध का नाटकीय रूप से अंत हो गया। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि उसके पास सूबे के 170 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। आपको बता दें कि फडणवीस के शपथ लेने के तुरंत बाद ही राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी थी।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुंबई में सुबह करीब साढ़े सात बजे एक समारोह में दोनों को शपथ दिलायी। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के नेता गिरीश महाजन ने कहा है कि फडणवीस को पर्याप्त विधायकों का समर्थन प्राप्त है। गिरीश ने कहा, ‘हम अपना बहुमत साबित करेंगे, हमारे पास 170 विधायकों का समर्थन है। अजीत पवार ने राज्यपाल को अपने विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी है। वह एनसीपी विधायक दल के नेता हैं, इसका अर्थ है कि एनसीपी के सभी विधायकों का हमें समर्थन प्राप्त है।’
शपथ ग्रहण के बाद शिवसेना पर पिछले महीने विधानसभा चुनाव में लोगों के जनादेश का अपमान करने का आरोप लगाते हुए फड़णवीस ने कहा, ‘लोगों ने हमें स्पष्ट जनादेश दिया था लेकिन शिवसेना ने नतीजों के बाद अन्य दलों के साथ गठबंधन करने की कोशिश की जिसके बाद राष्ट्रपति शासन लगा।
महाराष्ट्र को स्थायी सरकार की जरूरत है न कि ‘खिचड़ी’ सरकार की। मुझे एक बार फिर लोगों की सेवा करने का मौका देने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और जे पी नड्डा का आभार जताता हूं।’
फडणवीस ने कहा कि
अजित पवार ने भगवा पार्टी को समर्थन दिया और निर्दलीय विधायकों तथा छोटी पार्टियों के समर्थन के साथ भाजपा ने सरकार बनाने का दावा पेश करने का फैसला किया। उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद अजित पवार ने कहा, ‘24 अक्टूबर को नतीजे आने से लेकर अब तक कोई पार्टी सरकार नहीं बना पा रही थी। महाराष्ट्र में किसानों के मुद्दों समेत कई दिक्कतें थी इसलिए हमने एक स्थायी सरकार बनाने का फैसला किया।’
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