महाराष्ट्र में किसानों की हड़ताल, 6 बातों पर CM राज़ी
महाराष्ट्र में किसानों ने आज शनिवार तड़के अपनी हड़ताल समाप्त कर दी। किसान कर्जमाफी समेत कई मुद्दों को लेकर दो दिनों से हड़ताल पर थे।
मुंबई: महाराष्ट्र में किसानों ने आज शनिवार तड़के अपनी हड़ताल समाप्त कर दी। किसान कर्जमाफी समेत कई मुद्दों को लेकर दो दिनों से हड़ताल पर थे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के साथ मुलाकात के बाद किसानों ने हड़ताल ख़त्म करने का फ़ैसला किया है। दो दिनों तक चली हड़ताल के दौरान हुई प्रदर्शन और विरोध में कई लाख लीटर दूध, फल और सब्जियों का नुकसान हुआ जिससे इनके दाम आसमान पर पहुंच गए थे और लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।
फड़णवीस ने किसानों को 31 अक्टूबर तक कर्ज़माफी के मुद्दे पर उचित निर्णय करने का आश्वासन दिया गया है। सीएम ने साथ ही राज्य में जल्द ही कृषि मूल्य आयोग का गठन करने और किसानो के बिजली के बिलों को भी माफ करने का भी आश्वासन दिया है।
आपको बता दें कि शुक्रवार देर रात मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के बुलाने पर आंदोलन कर रहे किसान क्रांति समिति के नेता मुंबई पहुंचे और देर रात सीएम के 'वर्षा' बंगले में बैठक शुरु हुई जो करीब चार घंटे तक चली। इस दौरान किसानों से जुड़े कई मुद्दों पर सरकार ने अपना पक्ष रखा।
सीएम ने किसान नेताओं से कहा कि राज्य में कुल 31 लाख किसान हैं और इतनी जल्दी सबके कर्ज़े माफ करना आसाना नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों को फिर से कर्ज़ देने के लिए जल्द ही एक समिति गठित की जाएगी जिसमें किसानों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इस समिति की रिपोर्ट आने के बाद 31 अक्टूबर तक कर्ज़ माफी पर बड़ा निर्णय किया जा सकता है।
6 अहम फैसले हुए बैठक में
1- आंदोलन कर रहे किसानों के ख़िलाफ़ दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे लेकिन असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
2- किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य देने के लिए जून महीने के अंत तक राज्य में कृषि मूल्य आयोग की स्थापना की जाएगी।
3- किसानों को उनकी फसलों का कम दाम देने वाले व्यापारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई के लिए एक विधेयक विधानसभा के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा।
4- दूध का दाम तय करने के लिए राज्य में रेगुलेटर नियुक्त किया जाएगा। किसानों की दूध बाज़ार में अधिकतम हिस्सेदारी का प्रयास होगा।
5- खेती में इस्तेमाल बिजली का बिल भी माफ किया जाएगा। मंडियों में फ्रूट को रखने के लिए फ्रूट स्टोरेज केंद्र और चिल्लिंग सेंटर बनाए जायेंगे।
6- महाराष्ट्र में सुसाइड कर चुके किसानों की फैमिली को मिलेगी आर्थिक सहायता।
किसानों पर बरसे डंडे
इस बीच शुक्रवार को महाराष्ट्र में बारामती स्थित सुपे गांव में किसानों पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं जिसमें कुछ किसान घायल हो गए। जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह किसानों ने सुपे गांव से बाहर जानेवाले दूध टैंकरों और सब्जियां ले जा रही गाड़ियों को रोककर दूध सड़क पर बहा दिया। इसके बाद वहां तैनात पुलिस जवानों ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया। तनावपूर्ण माहौल के बीच पुलिस को इलाके में कड़ा बंदोबस्त करना पड़ा।
उद्धव, अन्ना उतरे किसानों के समर्थन में
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और समाजसेवी अण्णा हजारे किसानों के समर्थन में आगे आए थे। उन्होंने हड़ताल को सही ठहराया था। अण्णा ने किसानों से शांति बनाए रखने और जनता और निजी संपत्ति को नुकसान न पहुंचाने की अपील की थी। अण्णा ने किसानों की तरफ से सरकार से बातचीत करने की पहल भी की थी।
हड़ताल के दौरान 4.5 लाख लीटर दूध बर्बाद हुआ
हड़ताल के दौरान करीब 4.5 लाख लीटर दूध के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। राज्य सरकार के दूध ब्रांड आरे के लिए परभणी से निकले दूध के टैंकरों को अहमदनगर के पाथर्डी में रोक लिया गया था। इसके बाद दूध के दो टैंकरों को अहमदनगर से मुंबई तक पुलिस सुरक्षा के बीच लाया गया। ये दोनों टैंकर 10-10 हजार लीटर के थे।