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Hindi News भारत राजनीति मध्य प्रदेश मामले की सुनवाई कल तक के लिए स्थगित, केस को संविधान बेंच में भेजे जाने की मांग कर रही है कांग्रेस

मध्य प्रदेश मामले की सुनवाई कल तक के लिए स्थगित, केस को संविधान बेंच में भेजे जाने की मांग कर रही है कांग्रेस

मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के 22 विधायकों ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है जिस वजह से मध्य प्रदेश सरकार अल्पमत में आ गई है और गवर्नर ने विधानसभा स्पीकर को फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कहा था।

Madhya Pradesh political drama hearing in Supreme Court- India TV Hindi Image Source : PTI Supreme Court

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में राजनीतिक संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल तक के लिए स्थगरित कर दी गई है। कल सुबह 10:30 बजे सुनवाई होगी। कांग्रेस पार्टी तथा मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से पेश हुए वकील दुष्यंत दवे ने सुनवाई के दौरान मांग की है कि इस मामले को सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट कि संविधान बेंच को सौंप दिया जाए। दवे ने कहा है कि अगर इस मामले की सुनवाई आज नहीं होगी तो आसमान नहीं गिर जाएगा। दवे ने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायकों को बंधक बनाया गया है। 

वहीं सुनवाई के दौरान 16 विधायकों की तरफ से पेश हुए वकील मनिंदर सिंह ने कहा है कि किसी भी विधायक को बंधन नहीं बनाया गया है।  लेकिन कांग्रेस पार्टी के वकील दुष्यंत दवे ने अपनी दलील में कहा है कि ऐसे समय में जब पूरी दुनिया गंभीर संकट से गुजर रही है तो क्या ऐसे समय में इस मामले की सुनवाई होनी चाहिए। दवे ने मामले को सुप्रीम कोर्ट कि संविधान बेंच को सौंपने की मांग की है। 

मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के 22 विधायकों ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है जिस वजह से मध्य प्रदेश सरकार अल्पमत में आ गई है और गवर्नर ने विधानसभा स्पीकर को फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कहा था। लेकिन स्पीकर ने विधानसभा की कार्रवाई को 26 मार्च के लिए स्थगित कर दिया है और भारतीय जनता पार्टी ने स्पीकर के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की पहली सुनवाई मंगलवार को हुई थी लेकिन उस दिन कांग्रेस पार्टी की तरफ से कोई भी वकील पेश नहीं हुआ था, सुप्रीम कोर्ट ने बाद में सुनवाई को बुधवार के लिए स्थगित कर दिया था और मध्यप्रदेश सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए कहा था।

 

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