नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में सत्ता पक्ष के विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों से सियासी घमासान मचा हुआ है। भाजपा नेता नरोत्तम मिश्रा का दावा है कि उनके संपर्क में सत्ता पक्ष के 15 से 20 विधायक हैं। वो सवाल करते हैं कि हमारे पास कोई आता है, तो क्या हम उसे भगा दें? उन्होंने कहा, विधायक मेरे संपर्क में रहते हैं, कांग्रेस विधायक अपना काम नहीं करवा पा रहे हैं, इससे असंतोष बढ़ता है क्योंकि वे लोगों के प्रति जवाबदेह होते हैं।
बता दें कि दो दिन पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप लगाए थे जिसके बाद से दोनों ओर से बयानबाजी जारी है। दिग्विजय सिंह ने बीजेपी के नेताओं पर आरोप लगाया कि वे राज्य में कांग्रेस के विधायकों को अपने पाले में मिलाने के लिए 25-35 करोड़ रुपए का ऑफर दे रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने दिल्ली में यह बयान दिया था। दिग्विजय सिंह ने कहा था, ‘‘मध्य प्रदेश में भाजपा जब से विपक्षी दल बना है, शिवराज सिंह, नरोत्तम मिश्रा और वे सभी जिन्होंने 15 साल तक राज्य को लूटा, अब खुल्लम खुल्ला कांग्रेस पार्टी के विधायकों को 25-35 करोड़ रुपए का ऑफर दे रहे हैं।''
प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी कहा था कि दिग्विजय सिंह जी ने जो आरोप लगाए हैं मैं उनसे सहमत हूं। दिग्विजय के आरोपों के बाद कमलनाथ ने भी कहा कि हमारे विधायकों को खूब पैसों का ऑफर दिया जा रहा है। वहीं, कमलनाथ ने आज भाजपा पर आरोप लगाया कि पिछले कई दिन से वह माफिया के साथ मिलकर प्रदेश सरकार को अस्थिर करने का असफल प्रयास कर रही है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि राज्य की कांग्रेस सरकार के पास पूर्ण बहुमत है।
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा के जरिए मीडिया को जारी बयान में कमलनाथ ने आज कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी पिछले कई दिन से माफिया के साथ मिलकर राज्य की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का असफल प्रयास कर रही है। हमें हमारे सभी विधायकों पर पूरा विश्वास है, उनकी निष्ठा-ईमानदारी पर हमें कोई संदेह नहीं है।’’
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