भोपाल. मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर गहराए संकट के बीच कांग्रेस विधायकों की भोपाल में मुख्यमंत्री आवास पर मंगलवार को बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री कमलनाथ ने की। बताया जा रहा है कि बैठक में 88 से 90 विधायक मौजूद थे।सूत्रों ने बताया कि बैठक में यह तय किया गया कि जो विधायक भाजपा की ओर जा रहे हैं उन्हें किसी न किसी तरह से अपने पाले में लाया जाए। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभी विधायकों से कहा कि हम ताकत में अपनी शक्ति ताकत का प्रदर्शन करेंगे।
आपको बता दें कि कांग्रेस के 19 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं, जो बैठक में नहीं पहुंचे। संभावना है कि कांग्रेस के विधायक सामूहिक इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं। राज्य की कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल छाए हुए हैं, क्योंकि बाहरी समर्थन से चलने वाली सरकार के 19 विधायकों ने इस्तीफा विधानसभाध्यक्ष एन.पी. प्रजापति को भेज दिया है। इस सियासी संकट से कैसे निपटा जाए, कांग्रेस में इस पर मंथन सुबह से चल रहा है। विधायकों की मंगलवार सुबह बैठक प्रस्तावित थी, जो शाम को हुई।
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव का कहना है कि कांग्रेस की सरकार को कोई खतरा नहीं है, और आगामी 17 मार्च तक इस मामले में इंतजार करना चाहिए। कांग्रेस के नेता और दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पूरे 94वें विधायक हैं और 94वें उन पर भारी पड़ेंगे देखना, आने वाला समय बताएगा। कांग्रेस पार्टी हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए सक्षम है और आप देखेंगे जनता भविष्य में कांग्रेस पर विश्वास व्यक्त करेगी। कांग्रेस लड़ने के लिए तैयार है।
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सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सभी विधायक सामूहिक इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं। वहीं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से बतौर प्रतिनिधि भोपाल पहुंचे राष्ट्रीय सचिव सुधांशु त्रिपाठी पार्टी हाईकमान का प्रस्ताव भी बैठक के दौरान रख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के 19 समर्थक विधायकों के इस्तीफे की मूल प्रतियां भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभाध्यक्ष एन.पी. प्रजापति को सौंप दी है।
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