भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में किसानों के हित में कई घोषणाएं करते हुए आज यहां दूसरे दिन अपना अनिश्चितकालीन उपवास तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में समर्थन मूल्य से नीचे कृषि उत्पाद बेचना अब अपराध होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, मैंने रात भर वर्ष 2002 में आयी स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट का अध्ययन किया। इसकी सिफारिशों के अनुसार कई निर्णय लिये हैं तथा कुछ मामलों में इससे बढ़कर भी किसानों के हित में निर्णय लिये हैं। मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य के नीचे कृषि उत्पाद का व्यापार करना अब अपराध घोषित किया जायेगा।
इसके अलावा उन्होंने किसानों और उपभोक्ताओं के बीच बिचौलियों को कम से कम करने के उद्देश्य से प्रदेश की सभी नगर पालिकाओं और नगर निगम में किसान बाजार स्थापित करने की घोषणा की तथा प्रदेश में किसानों से दूध खरीदने के लिये अमूल खरीद प्रणाली लागू करने की बात भी कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसानों को अपनी जमीन के खसरे के प्रति हासिल करने के लिये अब कहीं नहीं जाना होगा, सरकार प्रतिवर्ष यह प्रति निशुल्क उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था करेगी।
चौहान ने प्रदेश में कृषि उत्पादों की कम कीमतों से किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिये प्रदेश में 1000 करोड़ रुपये के मूल्य स्थरीकरण कोष के तुरंत गठन किये जाने की भी घोषणा की।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में फसल का वैज्ञानिक तरीके से लागत मूल्य निकालने के लिये इस वर्ष कृषि उत्पाद लागत एवं विपणन आयोग का भी गठन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि भूमि के बेहतर उपयोग करने के लिये स्टेट लैंड यूज एडवाइजरी सर्विस बनायी जायेगी।
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