भोपाल. मध्य प्रदेश में भाजपा के असंतुष्ट एक बार फिर लामबंद होने लगे हैं। वे एक बैठक भी कर चुके हैं और आगामी अगस्त माह में भी बैठक करने की तैयारी है। दावा किया जा रहा है कि बैठक उन लोगों की हुई है, जो पार्टी के भीतर अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस इस पर चुटकी ले रही है।
भाजपा प्रदेश में कांग्रेस से दल बदल कर आए नेताओं के कारण सत्ता में आई है और उन्हें सत्ता मे हिस्सेदारी दी गई है। इससे भाजपा के कई नेता असंतुष्ट हैं। पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए यह स्वीकार किया है कि कई पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक और पूर्व सांसदों की बैठक हुई है, और इस बैठक में उपेक्षा का मुद्दा अहम रहा।
शर्मा का कहना है, "कई नेता ऐसे हैं, जिन्हें इस बात का मलाल है कि पार्टी और संगठन उनकी उपेक्षा कर रही है, उनसे संवाद नहीं कर रही। संवाद और सपर्क के अभाव में जो चिंताग्रस्त नेता थे, जो पार्टी हित की बात सोचते हैं, वे मैदानी कार्यकर्ता हैं, उनकी बैठक हुई।"
आगामी बैठक के बारे में शर्मा ने कहा, "जो लोग नाराज हैं, वे नौ अगस्त को फिर बैठेंगे और अपनी बात से पार्टी के प्रमुख को अवगत कराएंगे। सभी की चिंता यह है कि बाहर से आ रहे लोगों को बड़ी जिम्मेदारी दी जा रही है।"
भाजपा के असंतुष्टों की बैठक पर कांग्रेस ने चुटकी ली है। कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष सैयद जाफर का कहना है, "भाजपा में दरी बिछाने वाले, पसीने से पार्टी को सींचने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी के खेल समझ आने लगे हैं। चाहे रघुनंदन शर्मा की बैठक हो या पारुल साहू की, तकलीफ अब खुलकर आ रही है। थोड़ा इत्मीनान रखिए, ऊपर वाला न्याय करेगा।"
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