भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस पार्टी से त्यागपत्र के बाद मध्य प्रदेश में राज्य सरकार के सामने संकट पैदा हो गया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक 22 कांग्रेस विधायकों के त्यागपत्र की खबर है, ऐसे में मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के गिरने की आशंका जताई जा रही है। अगर विधानसभा अध्यक्ष सभी विधायकों का त्यागपत्र स्वीकर कर लेते हैं तो सरकार का अल्पमत में आना तय है और ऐसे में भारतीय जनता पार्टी का संख्याबल बढ़ जाएगा।
साल 2018 में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से 114 सीटों पर कांग्रेस पार्टी की जीत हुई थी जबकि भारतीय जनता पार्टी को 109 सीटें मिली थी। हालांकि कांग्रेस पार्टी को 2 बसपा, एक सपा और 4 निर्दलीय विधायकों ने भी समर्थन दे दिया था जिससे राज्य में 120 विधायकों के साथ कांग्रेस की सरकार बनी थी।
लेकिन अब कांग्रेस के 22 विधायकों के त्यागपत्र की खबर है और बसपा तथा सपा के 1-1 विधायक ने भी भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान के साथ मुलाकात की है।
अगर कांग्रेस के 22 विधायक त्यागपत्र देते हैं और उनके त्यागपत्र मान्य होते हैं तो विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 115 से घटकर 104 हो जाएगा। कांग्रेस पार्टी के 22 विधायक घटने से सरकार अल्पमत में आ सकती है और भाजपा के पास पहले ही 109 विधायक हैं।
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