नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ की गई टिप्पणी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही आज 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह मामला उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार में शामिल दलों के सांसद अशोभनीय टिप्पणी कर रहे हैं, जिससे देश में सदभाव का वातावरण खराब हो रहा है। उन्होंने कहा कि शिवसेना के नेता संजय राउत ने अल्पसंख्यकों को मताधिकार से वंचित करने की मांग की है, जबकि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी की। उनके बयान से देश का सिर शर्म से झुक गया है। प्रधानमंत्री इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। उन्हें अपना मौनव्रत तोड़कर सिंह से इस्तीफा मांगना चाहिए और सदन में आकर माफी मांगनी चाहिए।
इस पर संसदीय कार्यमंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार सिंह के बयान से इत्तेफाक नहीं रखती है। ऊंचे पद पर बैठे हुए किसी व्यक्ति को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए, जिससे किसी भी भावना आहत होती हो। ऐसा बयान स्वीकार्य नहीं है। लेकिन कांग्रेस के सदस्य इससे सहमत नहीं हुए और प्रधानमंत्री के बयान की मांग करने लगे। सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सिंह मंत्री हैं और सदन का नेता होने के नाते प्रधानमंत्री को इस पर बयान देना चाहिए।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी कहा कि सिंह को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था, लेकिन हर बात पर प्रधानमंत्री को सदन में आकर माफी मांगने की मांग नहीं की जानी चाहिए। लेकिन कांग्रेस के सदस्य प्रधानमंत्री के बयान की मांग पर अड़े रहे। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल के सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने आकर हंगामा करने लगे, जिससे प्रश्नकाल बाधित हुआ।
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