नयी दिल्ली: लोकसभा में किसान और कृषि संकट का मुद्दा आज लगातार दूसरे दिन भी गूंजता रहा और विपक्षी सदस्यों द्वारा किए गए भारी हंगामे तथा नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद करीब सवा 12 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी। दो बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही शून्यकाल के लिए शुरू होने पर भी जब विपक्ष का हंगामा जारी रहा तो अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि कल इस विषय पर नियम 193 के तहत चर्चा पूरी हो चुकी है और विपक्ष का इस तरह का व्यवहार उचित नहीं है। ये भी पढ़ें: दलालों के चक्कर में न पड़ें 60 रुपए में बन जाता है ड्राइविंग लाइसेंस
संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने भी कहा कि कल रात साढ़े दस बजे तक इस मुद्दे पर चर्चा हुई लेकिन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की इस मुद्दे पर गंभीरता का पता इसी बात से चलता है कि कल रात को सदन में उसके केवल दो सदस्य बैठे हुए थे। आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस और वाम दलों के सदस्य इस मुद्दे को लेकर आसन के समक्ष आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। तृणमूल कांग्रेस और राजद के सदस्य भी आसन के समक्ष खड़े नजर आए।
अन्नाद्रमुक के सदस्य भी हाथों में पोस्टर लेकर आसन के सामने आ गए जिन पर गुटखा कांड की सीबीआई से जांच कराने की मांग की गयी थी। हंगामे के चलते पहले सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद साढे 11 बजे तक , उसके बाद पौने 12 बजे 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी। इस दौरान अध्यक्ष ने प्रश्नकाल चलाने का भी प्रयास किया और केवल एक दो ही सवाल लिए जा सके । 12 बजे सदन की बैठक शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा और अध्यक्ष ने जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद हंगामा थमते नहीं देख , कार्यवाही को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया।
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