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Hindi News भारत राजनीति राफेल मुद्दे पर संसद में जोरदार हंगामा, लोकसभा की बैठक 17 दिसंबर तक के लिए स्थगित

राफेल मुद्दे पर संसद में जोरदार हंगामा, लोकसभा की बैठक 17 दिसंबर तक के लिए स्थगित

राफेल सौदे में अदालत के फैसले के बाद लोकसभा में भाजपा सदस्यों की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी और विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण शुक्रवार को लोकसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी।

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राफेल सौदे में अदालत के फैसले के बाद लोकसभा में भाजपा सदस्यों की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी और विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण शुक्रवार को लोकसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी। राफेल सौदे में शीर्ष अदालत के फैसले की पृष्ठभूमि में सरकार ने लोकसभा में कांग्रेस और पार्टी अध्यक्ष पर राजनीतिक फायदे के लिए देश को गुमराह करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी इस मामले में सदन और देश से माफी मांगें। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में कांग्रेस और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन पर सरकार को बदनाम करने का प्रयास करने तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि खराब करने का आरोप लगाया। 

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की बैठक पुन: शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए। उन्होंने जम्मू कश्मीर के लद्दाख से भाजपा सदस्य थुपस्तान छवांग का इस्तीफा स्वीकार करने की सूचना भी सदन को दी। इस दौरान भाजपा के सदस्य ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे लगा रहे थे। वहीं तेलुगूदेसम पार्टी के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जे की मांग को लेकर तथा अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी पर बांध के निर्माण का विरोध करते हुए आसन के समीप खड़े होकर नारेबाजी कर रहे थे। हंगामे के बीच ही सरकार ने ‘भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (संशोधन) विधेयक, 2018’ और ‘केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2018’ पेश किये। 

राजनाथ बोले माफी मांगे कांग्रेस 

राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘कांग्रेस और कांग्रेस अध्यक्ष ने सियासी फायदे के लिए राफेल मामले में देश को गुमराह करने की कोशिश की और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश की छवि को प्रभावित किया।’’ उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आज के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष को इस सदन से और देश से माफी मांगनी चाहिए।गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के मामले में नरेन्द्र मोदी सरकार को शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी। राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, ‘‘इनके (कांग्रेस के) ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। इनके शासन में मंत्री तक भ्रष्टाचार के मामलों में जेल गये।’’ उन्होंने कहा कि ये (कांग्रेस) तो यही चाहते हैं कि ‘‘हम तो डूबेंगे सनम, तुमको भी ले डूबेंगे।’’ इस दौरान कांग्रेस के सदस्य आसन के समीप खड़े होकर राफेल सौदे पर जेपीसी जांच की अपनी मांग दोहराते रहे। भाजपा के सदस्य भी अपने स्थानों से आगे आकर नारेबाजी कर रहे थे। 

सुबह से शुरू हुई नारेबाजी 

इससे पहले सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही जहां विपक्ष के कुछ सदस्य अपनी अपनी मांगों को लेकर आसन के पास आकर नारेबाजी कर रहे थे, वहीं भाजपा के सदस्य शीर्ष अदालत के फैसले की पृष्ठभूमि में नारे लगा रहे थे। संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सदन में कहा कि शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष गांधी को और कांग्रेस को इस मामले में माफी मांगनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि संसद के शीतकालीन सत्र की शुरूआत से ही कांग्रेस राफेल सौदे में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से इसकी जांच कराने की मांग कर रही है। इसके कारण सदन की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है। लोकसभा अध्यक्ष महाजन ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया, लेकिन हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने सदन की बैठक शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सदन में आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उपस्थित नहीं थे। संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी सदन में उपस्थित थीं।

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