#GSTDoosriAzadi: वित्त मंत्री अरुण जेटली से समझिए GST की ABCD
इंडिया टीवी के ख़ास कार्यक्रम #GSTDoosriAzadi में वित्त मंत्री अरुण जेटली इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ़ रजत शर्मा के सवालों के जवाब दे रहे हैं।
एक देश एक टैक्स के मंत्र के साथ देश में गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स यानी GST लागू हो गया। संसद भवन के सेंट्रल हॉल में एक भव्य कार्यक्रम के दौरान आधी रात को घंटा बजाकर जीएसटी लॉन्च किया गया। इंडिया टीवी के ख़ास कार्यक्रम #GSTDoosriAzadi में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ़ रजत शर्मा के सवालों का जवाब दिया।
- भारत विश्व में सबसे तेज़ बढ़ने वाली अर्थ व्यवस्था है-जेटली
-हमारे देश में सबसे ख़राब कर प्रणाली थी। कई तरह के कर होते थे। परेशानी होती थी इसलिए लोग कर देने से बचते थे-जेटली
- कर के मामल में राज्यों को जोड़ा नहीं जा सका था-जेटली
- GST से कर की चोरी रुकेगी और आसानी से कर भरा जा सकेगा-जेटली
-देश में आर्थिक एकता लाना ज़रुरी था-जेटली
-व्यापारियों को अब तक केंद्र और राज्य सरकारों को कई तरह के कर देने पड़ते थे-जेटली
-कुछ दिनों में व्यवस्था बदल जाएगी और कर देना आसान हो जाएगा-जेटली
- मोबाइल फ़ोन से अभ्यस्त होने में समय लगा था वैसे ही GST से अभ्यस्त होने में समय लगेगा-जेटली
-GST को लेकर सोशल साइट्स पर भ्रम फैलाया गया-जेटली
- स्वास्थ, शिक्षा और गांव के विकास के लिए कर सुधार ज़रुरी था-जेटली
- कांग्रेस को GST समारोह का बहिष्कार नहीं करना चाहिये था-जेटली
- आधी रात को संसद के केंद्रीय सभागार में समारोह करना किसी एक पार्टी का अधिकार नहीं है-जेटली
- तृणमूल के सांसदों ने हमारा समर्थन किया-जेटली
- तृणमूल का ये तर्क कि GST अभी लागू नहीं होना चाहिए समझ के परे-जेटली
- संवैधानिक रुप से GST 15 सितंबर से पहले लागू करना ज़रुरी था-जेटली
- नीतीश और पटनायक को पता है कि GST उनके देश के लिए ज़रुरी है-जेटली
- राज्यों को GST से होने वाले नुकसान की भरपाई अगले 5 साल तक केंद्र सरकार करेगी-जोटली
- खाने पीने की चीज़े स्सती रखना ग़रीबों के लिए ज़रुरी था-जेटली
- नीतीश-लालू राजनीतिक दबाव में एकसाथ आए, उनका राजनीति करने का तरीका अलग अलग है-जेटली
- GST में आम आदमी के इस्तेमाल की चीज़े सस्ती होंगी-जोटली
- ग़रीबों पर कम अमीरों पर ज्यादा कर की व्यवस्था-जोटली
- कई लोगों का मानना है कि कर न देना उनका मौलिक अधिकार है-जेटली
- GST से व्यापारियों का शोषण नहीं होगा- जेटली
- छोटे व्यापारियों को अपने सेल की सिर्फ समरी देनी है- उपेंद्र गुप्ता, GST कमिशनर
- जिन कारोबारियों का सालाना टर्न ओवर 20 लाख से कम है उन्हें GST की तरफ देखना भी नहीं पड़ेगा-जेटली
- करौड़ों का बिजनेस करने वालों को कर देना ही होगा- जेटली
- हम प्रोफ़ेशनल, बिजनेसमैन के साथ डील कर रहे हैं जो नेट से जुड़े हुए हैं, ग़रीबों के साथ नहीं-जेटली
- व्यापारी इसलिए ऐतराज़ कर रहे हैं क्योंकि GST से उनका पूरा व्यापार सामने आ जाएगा-जेटली
- कर तो ग्राहक को देना है फिर व्यापारी क्यों ऐतराज़ कर रहे हैं-जेटली
- GST की सफलता में कोई शक़ नही है-जेटली
- रियल स्टेट को GST के दायरे में इसलिए लाए क्योंकि यहां काला धन बहुत है और कर चोरी भी-जेटली
-पेट्रोलियम पदार्थ को भी सरकार GST दायरे में लाना चाहती थी लेकिन कई राज्य सरकारों को आपत्ति थी-जेटली
-शराब को GST दायरे में लाने के लिए कई राज्यों की सहमति नहीं मिली-जेटली
- आर्थिक गति बढ़ने के बाद 12 और 18 फीसदी वाले स्लैब कंवर्ज कर सकते हैं, 28 के स्लैब वाले गुड्स और सर्विसेज 18 वाले स्लैब में आ सकते है-जेटली
-हम घबराहट में आकर फैसले नहीं लेते, यह मजबूत और निर्णायक सरकार है-जेटली
-पूरी दुनिया की नजर हिंदुस्तान पर है क्योंकि यह फास्ट ग्रोइंग इकोनॉमी है, इतिहास ने हमें अवसर दिया है, हमें इसका फायदा उठाना चाहिए-जेटली
चीन
-1962 और 2017 के हिंदुस्तान में बहुत अंतर है-जेटली
कश्मीर
-सेना लाइन ऑफ कंट्रोल पर संयम बनाए हुए है और हर स्थित से निपटने के लिए तैयार है-जेटली
-पिछले दो महीने में कश्मीर में पत्थरबाजों की संख्या में कमी आई है-जेटली