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'भारत सरकार को ग्रेटा थुनबर्ग को बाल वीरता पुरस्कार देना चाहिए'

ग्रेटा थुनबर्ग पर तंज कसते हुए बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत सरकार को उन्हें (थुनबर्ग को) देश को "अस्थिर करने की साजिश रचने का प्रमाण प्रदान कर एक दस्तावेज अपलोड" करने के लिए बाल वीरता पुरस्कार देना चाहिए।

Lekhi mocks Thunberg, says India should give her child bravery award- India TV Hindi Image Source : PTI कुछ आलोचकों ने इस टूलकिट को भारत में प्रदर्शन को भड़काने के लिए उनकी साजिश का प्रमाण बताया।

नयी दिल्ली: युवा जुलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग पर तंज कसते हुए बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत सरकार को उन्हें (थुनबर्ग को) देश को "अस्थिर करने की साजिश रचने का प्रमाण प्रदान कर एक दस्तावेज अपलोड" करने के लिए बाल वीरता पुरस्कार देना चाहिए। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए थुनबर्ग ने इसमें मदद के इच्छुक लोगों के लिए एक टूलकिट साझा की थी। थुनबर्ग ने ट्वीट किया था, "अगर आप मदद चाहते हैं तो यह रही टूलकिट।" इस टूलकिट ने लोगों को उस दस्तावेज तक पहुंच मुहैया कराई जिमसें प्रदर्शन को समर्थन करने के तरीकों के बारे में जानकारी थी।

इस दस्तावेज में तत्काल उठाए जाने वाले विभिन्न कदम थे जिसमें ट्विटर पर ज्यादा से ज्यादा पोस्ट करना और भारतीय दूतावासों के बाहर प्रदर्शन करना शामिल है। कुछ आलोचकों ने इस टूलकिट को भारत में प्रदर्शन को भड़काने के लिए उनकी साजिश का प्रमाण बताया। लेखी ने ट्वीट किया, "मैं ग्रेटा थुनबर्ग को बाल वीरता पुरस्कार देने का प्रस्ताव करती हूं, जो भारत सरकार को उन्हें देना चाहिए, क्योंकि उन्होंने 1/1/ से 26/1/21 तक भारत को अस्थिर करने के लिए एक साजिश रचने के बारे में सबूत प्रदान करने वाले दस्तावेज को अपलोड करके बड़ी सेवा की है।"

थुनबर्ग ने किसानों के प्रदर्शनों को बृहस्पतिवार को अपना समर्थन दोहराया, जिस पर लेखी ने कहा, "वह सिर्फ एक बच्ची हैं। मुझे उन लोगों पर तरस आता है जिन्होंने उनका नाम नोबेल (पुरस्कार) के लिए प्रस्तावित किया है। एक बच्चा टिकाऊ खेती बाड़ी, पराली जलाने या फसलों की विविधीकरण, जल संसाधन प्रबंधन को नहीं समझता है, उसे नामित नहीं किया जा सकता है। यह नागरिक समाज और विश्वसनीयता के लिए बुरा है।"

बता दें कि थुनबर्ग ने एक बार फिर से किसान आंदोलन को लेकर बयान दिया है। ग्रेटा थुनबर्ग ने अपने बयान में कहा है, "मैं अभी भी किसानों के साथ खड़ी हूं और उनके शांतिपूर्वक विरोध का समर्थन करती हूं। मेरे खिलाफ नफरत, धमकी और मानव अधिकार उलंघन से यह नहीं बदलेगा।" थुनबर्ग ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘हम भारत में किसानों के आंदोलन के प्रति एकजुट हैं।’’

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