नयी दिल्ली: चुनाव आयोग ने घोषणा की कि बिहार एवं उत्तर प्रदेश के विधान परिषद की 24 सीटों के लिए चुनाव 26 अप्रैल को होगा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का उनके अपने अपने राज्यों के ऊपरी सदन की सदस्यता का कार्यकाल समाप्त होने के नजदीक है। बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का राज्य विधानपरिषद के सदस्य के तौर पर कार्यकाल भी छह मई को समाप्त होने वाला है।
निर्वाचन आयोग ने सोमवार को विधान परिषद चुनाव का कार्यक्रम घोषित किया। 9 अप्रैल को अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। 17 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 19 अप्रैल तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। 26 अप्रैल को शाम 5 बजे से मतगणना होगी। कहा जा रहा है कि विधान परिषद के चुनाव नोर्विरोध हो सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी और सहयोगी दलों के 11 सदस्य निर्विरोध चुने जाएंगे, जबकि विपक्षी दलों के दो सदस्य भी चुने जाएंगे।
विधानसभा में बीजेपी के 324, सपा के 47, बसपा के 19, कांग्रेस के 7, रालोद का 1 और 4 निर्दलीय विधायक हैं। जेल में बंद बसपा विधायक मुख़्तार अंसारी और सपा विधायक हरिओम यादव के मताधिकार पर हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है। राज्य सभा में क्रॉस वोटिंग के आरोप में बसपा विधायक अनिल सिंह को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। रालोद ने भी अपने एकलौते विधायक सहेंद्र रामाला को निष्कासित किया है। ऐसे में सपा, बसपा और कांग्रेस के पास 70 विधायकों का वोट है। वहीं बीजेपी के पास 311, अपना दल एस के पास 9 और भासपा के चार मत सहित बीजेपी गठबंधन के पास 324 मत हैं।
उत्तर प्रदेश में कुल 13 सीटें और बिहार में 10 सीटें क्रमश: पांच और छह मई को खाली हो रही हैं। उत्तर प्रदेश में खाली हो रही सीटों में से एक पर यादव और बिहार में खाली हो रही सीटों में से कुमार और मोदी सदस्य हैं। बिहार में एक अन्य सीट नरेंद्र सिंह को गत छह जनवरी 2016 को अयोग्य करार दिये जाने के चलते खाली हो रही है। उनका कार्यकाल इस वर्ष छह मई तक था। आयोग ने कहा कि 24 सीटों के लिए चुनाव 26 अप्रैल को होगा। इनमें से 13 सीटें उत्तर प्रदेश और 11 बिहार में हैं।
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