लालू जी अगर बीजेपी का साथ देते तो 'राजा हरिश्चंद्र' माने जाते : तेजस्वी यादव
तेजस्वी प्रसाद यादव ने विरोधियों पर जमकर निशाना साधा और कहा कि उनके पिता ने अगर भाजपा का साथ दिया होता तो वह 'राजा हरिश्चंद्र' माने जाते। भाजपा का विरोध करने के कारण उन्हें सजा दिलाई गई है।
पटना: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद को चारा घोटाले के एक मामले में जेल भेजे जाने के बाद मंगलवार को उनके पुत्र व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने विरोधियों पर जमकर निशाना साधा और कहा कि उनके पिता ने अगर भाजपा का साथ दिया होता तो वह 'राजा हरिश्चंद्र' माने जाते। भाजपा का विरोध करने के कारण उन्हें सजा दिलाई गई है। तेजस्वी ने कहा कि जनता ने जिसे चुना, वह जेल में हैं और जिन्हें नहीं चुना, वे लोग सरकार में हैं। उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा, "अगर आज लालू जी ने भाजपा का साथ दिया होता तो वे 'राजा हरिश्चंद्र' माने जाते।"
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि राजद अध्यक्ष को एक साजिश के तहत फंसाया गया है। जनता ऐसे लोगों से बदला लेने के इंतजार में है। तेजस्वी ने कहा, "इस अन्याय और बदले की राजनीति को देखकर जनता में भारी आक्रोश है। जनता चीख-चीख कर कह रही है कि जिसे हराया वो सरकार में है और जिसे जिताया वो कारागार में है।' नीतीश कुमार जी जान लें, व्यक्ति विशेष को रोका जा सकता है, उसके विचारों, मार्गदर्शन और दृढ़संकल्प को नहीं।"
वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में राजद को 80 सीटें और राजद से गठबंधन के तहत जनता दल (युनाइटेड) को 70 सीटें मिली थीं और भाजपा 53 सीटों पर सिमट गई थी। बदली हुई परिस्थिति में कम सीटें पाने वाली पार्टियों की सरकार है और राजद सत्ता से बाहर है। तेजस्वी यादव ने कहा, "राजनीति के कंस समझते हैं कि लालू यादव के जेल जाने से काल टल गया, लेकिन ऐसा नहीं है। अभी तो काल ने जन्म लिया है।"
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता यादव ने कहा कि जो लोग यह सोच रहे हैं कि राजद टूटने वाली है, तो यह उनका भ्रम है। राजद एकजुट है और यहां कोई 'पलटी मारने वाला' नहीं है।इधर, लालू के जेल के जाने के बाद मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर राजद के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता तेजस्वी यादव ने की।
बैठक में छह जनवरी को पार्टी की बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया, जिसमें सभी विधायकों, पूर्व विधायकों, सभी सांसदों, पदाधिकारियों को बुलाया गया है। इस बैठक में पिछले दरवाजे से बिहार की सत्ता में आई भाजपा से लड़ने की आगे की रणनीति तय की जाएगी।