पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद का जादू सिर चढ़कर बोला। पार्टी की शानदार जीत के साथ-साथ लालू के दोनों पुत्रों को भी जीत मिली। लेकिन, चुनाव में कई नेताओं के पुत्रों और रिश्तेदारों को हार का मुंह देखना पड़ा। लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव ने वैशाली जिले के राघोपुर से जीत हासिल की जबकि तेज प्रताप यादव महुआ से चुनाव जीते।
वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता सी़ पी़ ठाकुर के पुत्र विवेक ठाकुर को बक्सर जिले के ब्रह्मपुर से हार का स्वाद चखना पड़ा। हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी इमामगंज से भले ही चुनाव जीत गए परंतु उनके पुत्र संतोष सुमन को औरंगाबाद के कुटुम्बा निर्वाचन क्षेत्र से हार को मुंह देखना पड़ा। जीतन राम मांझी के दामाद देवेंद्र कुमार मांझी को भी बोध गया में हार मिली। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और बक्सर से सांसद अश्विनी चौबे के पुत्र अर्जित शाश्वत भी भागलपुर से चुनाव हार गए। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के दामाद अनिल कुमार साधु को बोचहा से हार का सामना करना पड़ा है। गौरतलब है कि टिकट नहीं मिलने से साधु नाराज हो गए थे। अंत में लोजपा ने साधु को टिकट दिया था।
राम विलास पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस को अलौली सीट पर हार का सामना करना पड़ा। पासवान के भतीजे प्रिंस राज कल्याणपुर में हार गए। पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के बेटे नीतीश मिश्रा को झंझारपुर सीट पर हार का सामना करना पड़ा।
हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह के बेटे सुमित सिंह चकई की सीट पर हार गए। हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा की बिहार इकाई के अध्यक्ष शकुनी चौधरी के बेटे राजेश कुमार को खगड़िया सीट पर पराजय का मुंह देखना पड़ा।
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