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कौन हैं चरणजीत सिंह चन्नी, जिन्हें बनाया गया पंजाब का नया मुख्यमंत्री

58 वर्षीय चरनजीत सिंह चन्नी कांग्रेस पार्टी के तीसरी बार के विधायक हैं और यह पहला मौका है, जब किसी दलित को पार्टी ने राज्य में कमान सौंपी है।

Know who is Charanjit Singh Channi, new chief minister of Punjab- India TV Hindi Image Source : FILE कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का अगला मुख्यमंत्री बनाया गया है।

चण्डीगढ़: कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का अगला मुख्यमंत्री बनाया गया है। बता दें कि कैप्टन ने शनिवार को यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि उन्हें अपमान महसूस हुआ है। चरणजीत सिंह चन्नी राज्य की चमकौर साहिब सीट से कांग्रेस के विधायक हैं। वह दलित समुदाय से आते हैं। चरणजीत सिंह चन्नी कभी कैप्टन अमरिंदर सिंह के ख़ास हुआ करते थे लेकिन फिर विरोधी हो गए।

2017 में चरणजीत सिंह चन्नी उच्च शिक्षा मंत्री बनाए गए थे। तब वे खुद 12वीं पास थे। इसे लेकर विवाद भी हुआ था। फिर 2017 में ही पंजाब यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन के लिए दाखिला लिया था। चन्नी की छवि डाउन टू अर्थ नेता की है। सिख फेस भी हैं। इस नाते पार्टी ने उन पर दांव खेला है।

58 वर्षीय चरणजीत सिंह चन्नी कांग्रेस पार्टी के तीसरी बार के विधायक हैं और यह पहला मौका है, जब किसी दलित को पार्टी ने राज्य में कमान सौंपी है। इससे पहले वह राज्य में नेता विपक्ष की भूमिका भी अदा कर चुके हैं। फिलहाल वह कैप्टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में तकनीकी शिक्षा मंत्री के तौर पर कामकाज देख रहे थे।

उनकी राजनीतिक यात्रा 2002 में खरार नगर परिषद के अध्यक्ष के रूप में चुने जाने के साथ शुरू हुई। चन्नी ने पहली बार 2007 में निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा और चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से जीते। वह 2012 में कांग्रेस में शामिल हुए और फिर से उसी सीट से विधायक चुने गए। मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान चन्नी उस समय विवादों में घिर गए जब भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की एक महिला अधिकारी ने उन पर 2018 में अनुचित संदेश भेजने का आरोप लगाया था। 

वर्ष 2018 में चन्नी फिर से विवादों में फंसे, जब वह एक पॉलिटेक्निक संस्थान में व्याख्याता के पद के लिए दो उम्मीदवारों के बीच फैसला करने के लिए एक सिक्का उछालते हुए कैमरे में कैद हो गए। इससे अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार को काफी फजीहत का सामना करना पड़ा। नाभा के एक व्याख्याता और पटियाला के एक व्याख्याता, दोनों पटियाला के एक सरकारी पॉलिटेक्निक संस्थान में तैनात होना चाहते थे। 

चन्नी ने एक बार अपने सरकारी आवास के बाहर सड़क का निर्माण करवाया था ताकि उनके घर में पूर्व की ओर से प्रवेश किया जा सके और बाद में चंडीगढ़ प्रशासन ने इसे तोड़ दिया। चन्नी पिछली शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी की सरकार के दौरान पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। 

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