चंडीगढ़. किसान आंदोलन को लेकर अब सियासत भी तेज होती जा रही है। किसानों के बहाने अब कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी राजनीति और भी चमकाने दिखाने के मूड में नजर आ रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह आरोप लगाया कि पंजाब के किसानों को पुलिस द्वारा पीटा जा रहा है और दिल्ली की सीमाओं पर उनके विरोध स्थल पर गुंडों द्वारा हमला किया जा रहा है मंगलवार को सभी सियासी दलों की बैठक बुलाई है। राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार, मंगलवार को 11 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है।
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मुख्यमंत्री ने विभिन्न दलों से कहा कि यह अहंकार पर खड़े होने का समय नहीं है, बल्कि हमारे राज्य और हमारे लोगों को बचाने के लिए एक साथ आने का है। राज्य सरकार के बयान के मुताबिक, बैठक में दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में हाल के घटनाक्रमों से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा होगी, विशेष रूप से गणतंत्र दिवस की हिंसा के मद्देनजर, "किसानों पर सिंघु बॉर्डर पर हमला और उनके खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन अभियान"।
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अमरिंदर सिंह ने सभी दलों से किसानों की सहायता और पंजाब के हित में एकता की भावना से बैठक में शामिल होने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि कानूनों से उत्पन्न "संकट" पूरे राज्य और इसके लोगों के लिए चिंता का विषय था। उन्होंने कहा कि सभी पंजाबियों और राज्य के सभी राजनीतिक दलों के सामूहिक प्रयासों से ही, संकट से प्रभावी ढंग से निपटा जा सकता है और किसानों के हितों की रक्षा की जा सकती है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे किसान दिल्ली की सीमाओं पर दो महीने से अधिक समय से मर रहे हैं। उन्हें पुलिस द्वारा पीटा जा रहा है और गुंडों द्वारा हमला किया जा रहा है। मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहकर उन्हें परेशान किया जा रहा है। सीएम ने उम्मीद जताई कि पंजाब के सभी राजनीतिक दल समस्या का हल खोजने के लिए अपने मतभेदों को एक तरफ रख देंगे
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