UP: केशव मौर्य ने प्रियंका गांधी का उड़ाया मजाक, कांग्रेस, सपा, बसपा और AIMIM पर साधा निशाना
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने आम आदमी पार्टी (AAP) और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की एआईएमआईएम (AIMIM) को उत्तर प्रदेश की राजनीति में कोई महत्व देने से इनकार कर दिया और उन्हें "वोट कटवा" बताया।
लखनऊ: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश मामलों की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) से किसी भी तरह की चुनौती को खारिज करते हुए उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने रविवार को उनका मजाक उड़ाते हुए उन्हें 'ट्विटर वाड्रा' कहा और दावा किया कि अगर कांग्रेस पिछली बार (2017 के विधानसभा चुनाव में) जीती गई सात सीटों को ही बरकरार रख ले, तो यह उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से चुनौती मिलने को भी खारिज करते हुए मौर्य ने दावा किया कि इन दोनों पार्टियों को 2017 के चुनावों में जितनी सीटें मिली थीं, उतनी भी हासिल हो जाती हैं, तो उन्हें खुशी होनी चाहिए।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने आम आदमी पार्टी (AAP) और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की एआईएमआईएम (AIMIM) को उत्तर प्रदेश की राजनीति में कोई महत्व देने से इनकार कर दिया और उन्हें "वोट कटवा" बताया। यह पूछे जाने पर कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, इसपर मौर्य सीधा जवाब देने से बचे। पिछली बार मुख्यमंत्री पद की दौड़ में योगी आदित्यनाथ से पिछड़े मौर्य ने कहा कि इसपर विधायकों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व फैसला करता है।
कांग्रेस द्वारा महिलाओं को 40 प्रतिशत टिकट देने की घोषणा करने के बाद पार्टी को क्या कोई लाभ मिलेगा, इस बारे में पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा, "उप्र में कांग्रेस का अस्तित्व नहीं है। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें उप्र से दो सांसद मिले और 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से उनके सांसद की संख्या एक रह गई।’’ मौर्य ने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सात सीटें जीती थीं और 2022 में अगर इस आंकड़े को दोहराने में वह कामयाब हुई, तो यह कांग्रेस के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि 'लगभग यही हाल समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का है, जिनके कार्यकाल को लोग भूले नहीं हैं और कभी नहीं भूलेंगे, क्योंकि उनकी सरकारों में भ्रष्टाचार, अपराध, माफिया को प्रोत्साहन, जातिवाद और तुष्टीकरण का बोलबाला था।' बता दें कि पिछले चुनाव में उप्र की 403 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को सहयोगी दलों समेत 325 और सपा को 47 सीटें मिली थीं, जबकि मायावती नीत बहुजन समाज पार्टी को 19 सीटों से संतोष करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि अब ये पार्टियां (सपा और बसपा) पिछड़े, सवर्णों और दलितों की बात कर रही हैं, लेकिन हकीकत यह है कि ये किसी के शुभचिंतक नहीं हैं।
मौर्य ने कहा "वे केवल सत्ता हासिल करना चाहते हैं, लोगों का शोषण करना चाहते हैं और जनता के पैसे से अपनी जेब भरना चाहते हैं।" यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि प्रियंका गांधी ने उप्र में भाजपा के विकल्प के रूप में खुद को स्थापित कर लिया है, मौर्य ने कहा, "मुझे लगता है कि आप (मीडिया) उन्हें विपक्ष की भूमिका में अधिक देख रहे हैं। मैं प्रियंका गांधी को वाड्रा जी कहता हूं- 'ट्विटर वाद्रा'। मुझे नहीं लगता कि उनकी तस्वीरें लेने के इच्छुक लोगों को छोड़कर, कांग्रेस में कोई है। प्रियंका गांधी, राहुल गांधी या कांग्रेस का कोई और नेता हो, फोटो खिंचवाने में उन्हें महारत हासिल है।''
उप मुख्यमंत्री ने दावा किया,‘‘फोटो खिंचवाने की दौड़ में वे सपा और बसपा से आगे हैं, लेकिन, ये तीनों पार्टियां जनता के दिल में जगह बनाने में नाकाम रही हैं।" साल 2022 के उप्र विधानसभा चुनावों में भाजपा का मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, इस सवाल पर मौर्य ने सीधा जवाब देते हुए कहा, "यह तय करने वाला मैं कौन होता हूं, हमारे पास हमारा केंद्रीय नेतृत्व है, केंद्रीय पर्यवेक्षक आते हैं और केंद्रीय पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में नवनिर्वाचित विधायकों द्वारा विधायक दल के नेता का चुनाव किया जाता है।''
उन्होंने कहा, "वर्तमान में, आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी हमारे मुख्यमंत्री हैं और योगी जी और हम उत्तर प्रदेश चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।" मौर्य ने कहा, ‘‘2017 के उप्र विधानसभा चुनाव में हमने 325 सीटें जीती थीं और हमारा प्रयास है कि हम इस बार 325 से ज्यादा सीटें कैसे जीत सकते हैं। यह हमारे लिए एक चुनौती है।"
सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा उनकी पार्टी के 400 सीटें जीतने के दावे को लेकर पूछे गए सवाल पर मौर्य ने कहा, "अखिलेश यादव 2014 के लोकसभा चुनावों और 2017 के विधानसभा चुनावों में कितनी सीटें जीतने का दावा कर रहे थे? 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने प्रधानमंत्री बनने का सपना भी देखा था। आखिरकार, सपा के दावों को खोखला पाया गया।’’
उन्होंने कहा, "जमीनी स्तर पर उनके संगठन में अपराधियों और माफिया के अलावा कोई नहीं है। वे जाति और तुष्टिकरण के आधार पर राजनीति करते हैं।'' विपक्षी दलों द्वारा "नरम-हिंदुत्व" का सहारा लेने पर, मौर्य ने कहा, "यह भाजपा की वैचारिक जीत है।''