तिरुवनंतपुरम: विपक्ष की आलोचना के बावजूद केरल सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह राज्य की गंभीर वित्तीय स्थिति के कारण पेट्रोल और डीजल पर टैक्स को कम नहीं कर सकती है। राज्य के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल ने कहा कि जब कई अन्य राज्यों ने कोविड-19 अवधि के दौरान ईंधन कर में वृद्धि की और उपकर की शुरुआत की तब केरल ने आम लोगों की परेशानी को देखते हुए ऐसा नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि विभिन्न राज्यों में हाल के उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को लगे झटके के कारण केंद्र ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती करने का फैसला किया।
‘6 वर्षों से ईंधन पर स्टेट टैक्स में वृद्धि नहीं की है’
पेट्रोल और डीजल पर एक्सट्रा टैक्स में कटौती नहीं करने के राज्य के फैसले को सही ठहराते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि केरल ने पिछले 6 वर्षों से ईंधन पर स्टेट टैक्स में वृद्धि नहीं की है बल्कि एक बार कमी ही की गई थी। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड-19 महामारी और हाल की आपदाओं से प्रभावित लोगों के लिए कई वित्तीय राहत पैकेज भी शुरू किए हैं तथा महंगाई भत्ते में 6 प्रतिशत की वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य द्वारा पेट्रोल और डीजल के लिए लागू कर ढांचे अलग-अलग हैं।
‘राज्य को फिर से टैक्स कम करने की आवश्यकता नहीं’
बालगोपाल ने कहा कि जब केंद्र सरकार अपने कर या ईंधन की मूल कीमत को कम करती है तो यह स्वाभाविक रूप से राज्य कर में दिखाई देगी क्योंकि वहां भी आनुपातिक कमी होगी। बालगोपाल ने कहा, ‘इसलिए, राज्य को फिर से कर कम करने की आवश्यकता नहीं है.जब केंद्र डीजल और पेट्रोल के लिए अपने कर में क्रमशः 10 रुपये और 5 रुपये की कमी करता है तो केरल में यह वास्तव में 12.30 रुपये और 6.56 रुपये कम हो गया है।’
'यह कहना गलत है कि केरल ने टैक्स कम नहीं किया'
वित्त मंत्री ने दावा किया कि इसमें से अतिरिक्त 2.30 रुपये और 1.56 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल और डीजल राज्य के खाते में थे और इसलिए यह कहना तथ्यात्मक रूप से गलत है कि केरल ने टैक्स कम नहीं किया है। टैक्स कटौती की मांग करने वाले विपक्षी गठबंधन कांग्रेस नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) की आलोचना करते हुए बालगोपाल ने कहा कि ओमन चांडी की पूर्ववर्ती सरकार ने कर में 13 गुना वृद्धि की थी। विपक्षी कांग्रेस और बीजेपी द्वारा केंद्र की तर्ज पर ईंधन पर कर कम नहीं करने के लिए राज्य सरकार की आलोचना के बाद मंत्री का स्पष्टीकरण आया है।
Latest India News