नई दिल्ली: दिल्ली और बिहार सरकार प्रवासी मजदूरों के किराए के मुद्दे पर आमने-सामने हैं। प्रवासी मजदूरों के किराया चुकाने के दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय के दावे के बाद से राजनीति गर्म हो गई है। दिल्ली सरकार के मंत्री के दावे की पोल बिहार सरकार के मंत्री संजय झा ने वो चिट्ठी जारी करके खोल दी है, जो दिल्ली सरकार के नोडल पदाधिकारी पीके गुप्ता ने बिहार के नोडल पदाधिकारी प्रत्यय अमृत को लिखी थी।
इस चिट्ठी में साफ लिखा है कि दिल्ली से मुजफ्फरपुर जानेवाले श्रमिक स्पेशल ट्रेन के श्रमिकों का टिकट थोक में दिल्ली सरकार कटवा दे रही है। सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर ये फैसला लिया गया है। इसमें जो किराया लगेगा, वो बिहार सरकार से लिया जाएगा।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को कहा था कि वह राष्ट्रीय राजधानी में फंसे प्रवासी कामगारों को उनके घर भेजने के लिये ट्रेन यात्रा का खर्च उठाएगी। दिल्ली सरकार के एक बयान में कहा कि मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रवासी कामगारों का यात्रा खर्च केन्द्र सरकार और उनके गृह राज्य की सरकार उठा रही हैं, लेकिन दिल्ली सरकार ने इन प्रवासियों को उनके घर भेजने पर होने वाला यात्रा खर्च वहन करने का फैसला किया है।
दिल्ली सरकार के एक बयान के बाद बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ताबड़तोड़ ट्वीट किए, जिनमें दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रिया कहा गया। साथ ही बिहार सरकार पर निशाना साधा, लिखा कि मजदूर भाईयों को बिहार ले जाने के लिए 50 ट्रेन उपलब्ध कराने का दावा किया था।
किराए पर राजनीति गर्म हुई तो बिहार सरकार के मंत्री संजय झा ने दिल्ली सरकार के नोडल पदाधिकारी का पत्र जारी कर दिया। ट्वीट के जरिये जारी पत्र पर मंत्री संजय झा ने लिखा, "केजरीवाल जी, झूठ के साथ समस्या यही है कि आप भूल जाते हैं कि कब क्या बोल चुके हैं। अब देखिये न, आपके मंत्री गोपाल राय ने ट्वीटर पर सेफल झूठ बोल रहे हैं कि दिल्ली से मुजफ्फरपुर आनेवाली स्पेशल ट्रेन का किराया आपकी सरकार देगी, फिर चिट्ठी भेजकर हमसे पैसे मांगते हैं।"
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