बेंगलुरु: कर्नाटक की सरकार ने सियासी उबाल के बीच 18वीं सदी के शासक टीपू सुल्तान की जयंती मनाने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रही है। शनिवार को टीपू सुल्तान की जयंती के मौके पर संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इसके अलावा कोडागू, हुबली और धारवाड़ में 10 नवंबर की सुबह 6 बजे से लेकर 11 नवंबर की सुबह 7 बजे तक के लिए धारा 144 लगा दी गई है।
वहीं, 'टीपू जयंती' पर कर्नाटक सरकार द्वारा आयोजित किए जा रहे समारोह के एक दिन पहले इसके खिलाफ भाजपा ने शुक्रवार को जमकर विरोध-प्रदर्शन किया। पार्टी ने सरकार से जश्न समारोह को रद्द करने की अपील करते हुए बेंगलुरु, मैसूर और कोडागू में विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किया। जनता दल सेक्युलर-कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार का नेतृत्व करने वाले मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने पिछले सप्ताह कहा था कि पिछली कांग्रेस सरकार की नीति को बरकरार रखते हुए 10 नवंबर को ‘टीपू जयंती’ मनाई जाएगी। 'टीपू जयंती' पर आयोजित प्रमुख समारोह का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर करेंगे।
कुमारस्वामी के इस ऐलान के बाद ही भाजपा ने विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की थी। इस बीच, मुख्यमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि कुमारस्वामी डॉक्टर की सलाह के मद्देनजर अगले 3 दिन तक किसी आधिकारिक समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे। वहीं, मंत्री डीके शिवकुमार ने भाजपा के विरोध पर बोलते हुए कहा कि टीपू सुल्तान का इतिहास काफी लंबा है। उन्होंने कहा, ‘अगर हम उनकी जयंती मनाते हैं, तो इसमें मुझे कोई बुराई नहीं दिखती। भाजपा का अपना राजनैतिक अजेंडा है। वे हिंदुओं और मुसलमानों के बीच मतभेद पैदा करना चाहते हैं।’
वीडियो: भाजपा का विरोध किनारे कर टीपू जयंती मनाएगी कर्नाटक सरकार, कई जगहों पर धारा 144 लागू
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