नई दिल्ली: कर्नाटक में सरकार पर संकट बरकरार है। तमाम कोशिशों के बाद भी बागी विधायक मानने को तैयार नहीं हैं। इस बीच सरकार बचाने के लिए कांग्रेस ने कवायद तेज कर दी है। इसके लिए दिल्ली से खास तौर पर गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल को बेंगलुरू भेजा गया है ताकि बिगड़े हालात पर काबू पाया जा सके। हालांकि स्पीकर के पेंच के कारण कर्नाटर सरकार का संकट 15 जुलाई तक टल गया है। दरसअल बागी विधायकों के इस्तीफे को देखते हुए स्पीकर रमेश कुमार ने सभी विधायकों को अलग-अलग समय पर मिलने के लिए बुलाया है और इसके लिए 15 जुलाई तक का समय रखा गया है।
मीडिया से बात करते हुए स्पीकर रमेश कुमार ने साफ कर दिया कि 13 में से 8 विधायकों के इस्तीफे नियमों के मुताबिक फॉर्मेट में नहीं हैं, लिहाजा फिलहाल 8 विधायकों के इस्तीफे पर विचार नहीं किया जाएगा। जिन पांच विधायकों के इस्तीफे सही फॉर्मेट में मिले हैं उनमें से तीन विधायकों को स्पीकर ने 12 जुलाई को मिलने के लिए बुलाया है और बाकी दो विधायकों को 15 जुलाई को मिलने के लिए बुलाया गया है।
स्पीकर के इस रूख से भले ही कुमारस्वामी सरकार को राहत मिली हो लेकिन कांग्रेस जानती है कि ये राहत अस्थाई है लिहाजा दिल्ली से लेकर बेंगलुरू तक कांग्रेस पूरे एक्शन में है। सरकार को संकट से उबारने के लिए खुद सोनिया गांधी ने पहल की और हालात को संभालने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद और कपिल सिब्बल को बेंगलुरु भेजा। आजाद और सिब्बल बेंगलुरु में कर्नाटक कांग्रेस के इंचार्ज केसी वेणुगोपाल और दूसरे नेताओं के साथ बैठक करेंगे ताकि कर्नाटक की मौजूदा सरकार को संकट से उबारा जा सके।
तमाम उठा पटक के बीच कांग्रेस ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि केंद्र की बीजेपी सरकार विपक्ष को कमजोर कर रही है। इस बीच बागी विधायकों को मनाने के लिए कांग्रेस हर रणनीति अपना रही है। उन्हें मंत्री पद का ऑफर देने के लिए कर्नाटक के सभी मंत्रियों से इस्तीफे लिए गए थे। इससे बात नहीं बनी तो अब कांग्रेस ने सख्त रूख दिखाया है और बागी विधायकों को चेतावनी दी है कि वो वापस लौट आएं नहीं तो उनके खिलाफ डिसक्वालिफिकेशन की कार्रवाई होगी।
सरकार बचाने के लिए कांग्रेस एड़ी चोटी का जोर लगा रखी है लेकिन राह आसान नजर नहीं आता। कल कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी लेकिन मुंबई में ठहरे 10 बागी विधायकों के अलावा नौ और विधायक नहीं पहुंचे। हालांकि इनमें से 7 विधायकों ने पहले से ही नहीं आने का कारण बता दिया था। बड़ी बात ये थी कि इस्तीफा देने वाले सीनियर एमएलए रामलिंगा रेड्डी भी बैठक में नहीं आए। कांग्रेस ने नाराज रामलिंगा रेड्डी को मनाने की कोशिश तेज कर दी है। खबर है कि कांग्रेस रामलिंगा रेड्डी को डिप्टी चीफ मिनिस्टर बनाने तक को तैयार है। साथ ही उन्हें गृहमंत्रालय का प्रभार देने पर भी बात चल रही है।
इस बीच कांग्रेस और जेडीएस के बागी विधायक अभी भी मुंबई में ही हैं। बागी विधायकों का आरोप है कि कुमारस्वामी सरकार विकास का काम नहीं कर रही है, यही वजह है कि वो इस्तीफा दे रहे हैं। कुल मिलाकर कर्नाटक का नाटक जारी है। एक तरफ मान मनौव्वल की बात चल रही है तो दूसरी ओर मौजूदा हालात पर बीजेपी ने भी नजरें जमा रखी है। कल येदियुरप्पा ने बीजेपी विधायकों के साथ एक अहम मीटिंग की थी। आज एक बार फिर येदुयुरप्पा बीजेपी नेताओं के साथा बैठक करेंगे और आगे की रणनीति पर फैसला करेंगे।
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