नई दिल्ली: कर्नाटक में संकट में घिरी जद (एस) और कांग्रेस की गठबंधन सरकार की हालत तब और ज्यादा खराब हो गई जब सरकार बचाने के लिए जद (एस) और कांग्रेस ने बागियों को मंत्री पद की पेशकश की जिसे कथित तौर पर उन्होंने ठुकरा दिया। कल तक जो सवाल कर्नाटक की चौहद्दी में घूम रहा था अब वो दिल्ली तक पहुंच गया है। संसद में बहस हो रही थी कि कर्नाटक में क्या हो रहा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया प्रदेश में जो कुछ हो रहा है उसके पीछे बीजेपी का हाथ है लेकिन बीजेपी ने बोल दिया कि ये सब इस्तीफे का नाटक किया जा रहा है।
सबको डर है कि पता नहीं कौन कब किसके नाम की जय बोल दे, किस पार्टी का झंडा उठा ले इसलिए कांग्रेस के बागी विधायकों को अब गोवा के होटल में शिफ्ट किया गया है। वहीं अब सभी नजरें विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश पर टिकी हैं। वह आज कांग्रेस के 10 और जद (एस) के तीन विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेंगे। इस बीच कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने सोमवार सुबह साढ़े नौ बजे विधायकों की बैठक बुलाई है। इसके लिए व्हिप जारी किया गया है। उधर जद (एस) ने भी सोमवार को अपने विधायकों की बैठक बुलाई है।
कुमारस्वामी बोल तो रहे हैं कि उनकी सरकार सुरक्षित हैं लेकिन सवाल है कैसे? देखिए कर्नाटक का गणित जिसने सबका ब्लड प्रेशर हाई कर दिया है। कर्नाटक में कुल सीटें हैं 224 और बहुमत के लिए चाहिए 113। इस्तीफे से पहले बीजेपी 105, कांग्रेस 78, जेडीएस 37, बीएसपी 1, केपीजेपी 1 और निर्दलीय 1 थे। अगर विधायकों का इस्तीफा स्वीकार हो जाता है तो बच जाएंगे 211 और एक स्पीकर हो, मतलब बचेंगे 210। इस तरह सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा रह जाएगा 106। बीजेपी के पास 105 विधायक हैं, केपीजेपी और निर्दलीय तो बीजेपी को समर्थन देने के लिए तैयार ही बैठी है।
सूत्रों ने कहा कि मुंबई के एक होटल में ठहरे कांग्रेस विधायकों ने मंत्री पद की पेशकश ठुकरा दी है। उनका कहना है कि अब काफी देर हो चुकी है और वे बीजेपी में शामिल होंगे। वहीं राज्य में राजनीतिक संकट के मद्देनजर अमेरिका दौरा बीच में छोड़कर स्वदेश लौटे जद (एस) और कांग्रेस गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सभी मंत्रियों के इस्तीफे करवाकर सरकार बचाने का आखिरी दांव चला है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है और संकट का हल निकाल लिया जाएगा।
कांग्रेस ने कर्नाटक में सरकार के संकट के लिए बीजेपी पर आरोप लगाया है। कांग्रेस विधायक डी.के. सुरेश ने संवाददाताओं से कहा, "राज्य में इस राजनीतिक संकट के पीछे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय नेताओं का हाथ है। वे किसी भी राज्य में कोई सरकार या किसी विपक्षी दल की सरकार नहीं चाहते हैं। वे लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं।" बीजेपी के नेताओं ने इस आरोप पर पलटवार किया है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा, "कर्नाटक में राजनीतिक संकट से बीजेपी का कोई लेना-देना नहीं है।" तो जैसा चल रहा है, अगर वैसा ही चलता रहा और स्पीकर ने इस्तीफे को स्वीकार कर लिया तो बीजेपी आराम से सरकार बना लेगी।
Latest India News