नई दिल्ली: कर्नाटक में सरकार पर संकट बरकरार है। तमाम कोशिशों के बाद भी बागी विधायक मानने को तैयार नहीं हैं। इस बीच सरकार बनाने का प्रयास कर रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बुधवार को कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला और विधानसभा अध्यक्ष के.आर. रमेश से मुलाकात कर संकटग्रस्त चल रही जद (एस)-कांग्रेस की गठबंधन सरकार से विश्वास मत का परीक्षण कराने की मांग करेंगे। पार्टी के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
भाजपा प्रवक्ता जी. मधुसूदन ने कहा, "हमारे पार्टी नेता आज राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात कर विधानसभा में विश्वास मत के परीक्षण में उनके दखल की मांग करेंगे क्योंकि 16 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद गठबंधन सरकार अल्पमत में आ गई है।"
राज्यपाल से मिलने के लिए जाने से पहले भाजपा के प्रदेश स्तरीय नेता, विधायक और कार्यकर्ता विधानसभा के निकट महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन करेंगे। भाजपा की प्रदेश इकाई के नेता भी विधानसभा अध्यक्ष से भी मुलाकात कर उनसे सीधे मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी से विश्वास मत साबित करने का निर्देश देने के लिए कहेंगे।
मधुसूदन ने जोर देकर कहा, "विधानसभा का 10 दिवसीय मानसून सत्र इसी शुक्रवार से शुरू हो रहा है। राज्यपाल सीधे विधानसभा अध्यक्ष को शुक्रवार को विश्वास मत का परीक्षण कराने का निर्देश दे सकते हैं जिससे अल्पमत में चल रही सरकार का शक्ति परीक्षण हो सके।"
इस्तीफा देने वाले 16 विधायकों में से कांग्रेस के 11, जद-एस के तीन, एक विधायक क्षेत्रीय दल कर्नाटक प्राग्यावन्ता जनता पार्टी (केपीजेपी) का तथा एक निर्दलीय विधायक है।
मधुसूदन ने कहा, "विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार को हालांकि 13 विधायकों को अपना इस्तीफा दोबारा दाखिल करने के लिए कहा और पांच अन्य विधायकों को 12 जुलाई और 15 जुलाई को उनसे मिलकर यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि वे अपना इस्तीफा स्वेच्छा से दे रहे हैं। वे सत्र में भाग नहीं लेगें क्योंकि वे पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं।"
कांग्रेस के निलंबित विधायक रा. रोशन बेग ने मंगलवार को इस्तीफा दिया वहीं केपीजेपी विधायक आर. शंकर और निर्दलीय विधायक एच. नागेश ने सोमवार को इस्तीफा दिया। मधुसूदन ने कहा, "सभी विधायकों ने अपने इस्तीफे की एक प्रति राज्यपाल को दी है, जो राज्य के प्रमुख के तौर पर विधानसभा अध्यक्ष को विश्वास मत परीक्षण कराने का निर्देश देंगे।"
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