नई दिल्ली: कर्नाटक में अपने विधायकों को टूट से बचाने के लिए कांग्रेस और जेडीएस ने अपने विधायकों को हैदराबाद भेज दिया है। विधानसभा में विश्वासमत पेश होने तक ये विधायक वहीं रहेंगे। ये सभी विधायक सड़क के रास्ते हैदराबाद पहुंचे। कांग्रेस और जेडीएस ने इन विधायकों को बेंगलुरू से हैदराबाद ले जाने के लिए तीन चार्टर्ड फ्लाइट्स का इंतजाम किया था लेकिन डीजीसीए से उड़ान की मंजूरी नहीं मिली। कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कुमार स्वामी ने आरोप लगाया कि ऐसा सरकार के इशारे पर किया गया है। हालांकि नागरिक उड्डयन मंत्रालय की तरफ से ये कहा गया है कि देश के अंदर चार्टर्ड फ्लाइट्स के लिए डीजीसीए की मंजूरी ज़रूरी नहीं होती।
जेडीएस का दावा है कि उसके सभी अड़तीस विधायक एकजुट हैं जबकि कांग्रेस के तीन विधायक गायब हैं। हालांकि माना जा रहा है कि लापता हुए विधायकों में से एक लिंगायत समुदाय के विधायक को पार्टी के साथ बने रहने के लिए मना लिया गया है। इस बीच खबर ये भी आ रही है कि राहुल गांधी ने कल एचडी देवेगौड़ा से बात की।
दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत की डिटेल तो सामने नहीं आई है लेकिन माना जा रहा है कि राहुल और देवेगौड़ा में आज सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई और विधायकों को टूटने से बचाए रखने पर चर्चा हुई। जेडीएस के सीनियर लीडर कह रहे हैं कि दोनों पार्टियों के विधायक एकजुट हैं और विधानसभा में येदियुरप्पा सरकार के विश्वासमत को पास नहीं होने देंगे।
बता दें कि अलग-अलग रिपोर्टों में दावा किया जा रहा था कि कांग्रेस रात में ही अपने विधायकों को कर्नाटक से बाहर कोच्चि ले जा सकती है। गुरुवार को कर्नाटक के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा कि मुझे और मेरी पार्टी को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों की जरूरत नहीं पड़ेगी।
येदियुरप्पा ने जोर देते हुए कहा कि बीजेपी नेतृत्व को पूरा भरोसा है कि हम असेंबली में बहुमत हासिल कर लेंगे। कर्नाटक चुनाव में बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 37 सीटें मिली हैं, ऐसे में इस बात पर सस्पेंस बना हुआ है कि आखिर येदियुरप्पा बहुमत के 112 के आंकड़े को हासिल कैसे करेंगे?
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