बेंगलुरु: कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बाहर रखने के लिए भले ही कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) ने मिलकर सरकार बना ली हो, लेकिन पहले दिन से ही दोनों दलों के बीच खटपट देखने को मिल रही है। वर्तमान समय में भी यह अटकलें जारी हैं कि दोनों दलों के बीच में सबकुछ ठीक नहीं है। शुक्रवार को सूबे के सीएम एचडी कुमारस्वामी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा।
बेंगलुरु में जनता दल (सेक्युलर) के अधिवेशन को संबोधित करते हुए सीएम कुमारस्वामी ने परोक्ष रूप से कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कर्नाटक की मौजूदा राजनीतिक स्थिति के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया। कुमारस्वामी ने कहा, “विधानसभा चुनाव में JD(S) को महज 37 सीटें नसीब हुईं और इसकी वजह हमारे अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं। अल्पसंख्यक समुदाय की बहनों, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों आप सभी को कुछ लोगों ने बहकाया गया था कि अगर आप जनता दल (सेक्युलर) को वोट करोगे तो जनता दल (सेक्युलर) भाजपा के साथ चली जाएगी।”
कुमारस्वामी ने आगे कहा कि राज्य में हमारे खिलाफ एक व्यवस्थित रणनीति थी। हमारे खिलाफ अभियान चलाने वालों में कुछ मौलाना और सेवानिवृत्त अल्पसंख्यक सरकारी अधिकारी शामिल थे। इन सभी लोगों ने हमारे खिलाफ गलत एजेंडा फैलाया और प्रचार किया, जिससे अल्पसंख्यक समुदाय के मेरे सभी भाई-बहन प्रभावित हुए और हमारे खिलाफ मतदान किया।
कुमारस्वामी ने यह दावा किया कि यह कांग्रेस से अप्रत्यक्ष रूप से झूठे प्रचार की वजह से भाजपा विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने में कामयाब रही। आपको बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 224 विधानसभा सीटों में से 104 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
कुमारस्वामी का यह बयान निश्चित ही इस दावे को और भी पुख्ता कर देता है कि कर्नाटक में कांग्रेस और JD(S) के बीच सबकुछ ठीक नहीं हैं। कल ही कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी ने पार्टी कैडरों को मध्यावधि चुनाव की तैयारी शुरू करने के लिए कहा था। निखिल ने पार्टी कार्यकर्ताओं को यह संकेत दिया था कि उनके पिता की अगुवाई वाली सरकार कभी भी गिर सकती है।
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